सामूहिक संहार के हथियारों के वित्त पोषण को रोकने वाले विधेयक को मिली संसद से मंजूरी
नई दिल्ली। बढ़ते नरसंहार के बीच आज सोमवार को राज्यसभा ने सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनसे जुड़ीं प्रणालियों के प्रसार के वित्त पोषण को रोकने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। इसे लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है। इसमें केंद्र सरकार को ऐसे वित्तपोषण का निवारण करने के लिए निधियों एवं अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों या आर्थिक संसाधनों पर रोक, अधिग्रहण या कुर्की करने का अधिकार दिया गया है।
2 बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर पीठासीन उपाध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके तत्काल बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे को लेकर हंगामा आरंभ कर दिया।
हंगामे के बीच ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरुद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस कानून में कुछ खामियां थीं और उनका समाधान निकालने के लिए यह संशोधन आवश्यक था। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा और देश की प्रतिष्ठा के लिए बहुत बढ़िया है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही यह विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान (डिलीवरी) प्रणालियों के प्रसार से संबंधित विनियमों का विस्तार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लक्षित वित्तीय प्रतिबंध एवं वित्तीय कार्रवाई कार्यबल की सिफारिशों को सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के प्रसार के खिलाफ लागू किया गया है।
इसमें कहा गया है कि उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए मूल अधिनियम को संशोधित करने की जरूरत है ताकि सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के प्रसार को वित्त पोषित करने के विरुद्ध उपबंध किया जा सके और हम अपनी अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं को पूरा कर सकें।
विधेयक में सामूहिक संहार के हथियारों एवं उनकी परिदान प्रणालियों के संबंध में किसी भी क्रियाकलाप के वित्तपोषण को निषेध किया गया है। इसमें केंद्र सरकार को ऐसे वित्तपोषण का निवारण करने के लिए निधियों एवं अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों या आर्थिक संसाधनों पर रोक, अधिग्रहण या कुर्की करने का अधिकार दिया गया है।(भाषा)