बिहार में सियासी संकट, क्या महागठबंधन में सब कुछ ठीक है?
Bihar political crisis : बिहार में सियासी संकट के बीच महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों जदयू और राजद के नेताओं ने कहा कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है। दोनों ही दलों के नेताओं के बीच की तल्खी संबंधों में खटास की अलग ही कहानी बयां कर रही है। हालांकि बिहार की सियासी नौटंकी की असलियत क्या है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) ने शनिवार को साफ कहा कि बिहार में महागठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई भ्रम नहीं है। वरिष्ठ जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई भ्रम नहीं है। जब हम (राजद के मंत्रियों के साथ) राज्य कैबिनेट की बैठक में एक साथ शामिल हैं... गणतंत्र दिवस समारोह में भाग ले रहे हैं... तो भ्रम कहां है।
उन्होंने कहा कि जो लोग बिहार की मौजूदा स्थिति के बारे में अटकलें लगा रहे हैं, उन्हें स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में जदयू की वापसी के सवाल पर नीरज ने कहा कि नीतीश कुमार केवल अपने काम के लिए जाने जाते हैं... राजनीतिक चाल चलने के लिए नहीं।
बिहार में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति के बीच गठबंधन में शामिल राजद ने भी शनिवार को कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि राज्य में महागठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक है... जब चीजें सामान्य हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर कल कुछ अभूतपूर्व होता है तो राजद स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।
तिवारी ने आगे कहा कि मीडिया के एक वर्ग में राज्य की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को लेकर काफी खबरें सामने आ रही है, ऐसे में तस्वीर साफ करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिम्मेदारी बनती है। चूंकि वह राज्य में महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, इसलिए उन्हें स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।
इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने भी कहा कि नीतीश कुमार को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और भ्रम दूर करना चाहिए। उन्हें राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर कुछ कहना चाहिए।
इस बीच विपक्षी पार्टी भाजपा ने लोकसभा चुनाव पर चर्चा के लिए शनिवार को अपने सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है। कुछ पहले तक नीतीश के लिए अपने दरवाजे बंद करने की बात कहने वाली भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, पर राजग में उनकी संभावित वापसी के पर्याप्त संकेत दिए हैं। (इनपुट भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta