बंगाल में बनेगी विधान परिषद, विधानसभा ने दी हरी झंडी
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को राज्य विधान परिषद के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विधान परिषद बनाने का निर्णय चुनावी वादे का हिस्सा रहा है। उच्च सदन गठन के बाद पार्टी के कई दिग्गजों को विधान परिषद में भेजा जाएगा।
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने राज्य विधान परिषद के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 18 मई को तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा के उच्च सदन विधान परिषद बनाने के कैबिनेट के फैसले को मंजूरी दी थी।
दरअसल, ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि जिन बुद्धिजीवि लोगों और दिग्गज नेताओं को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकित नहीं किया गया था, उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा। सीएम ने 2011 के विधानसभा चुनावों के बाद नंदीग्राम और सिंगूर में उनके अभियान का हिस्सा रहने वालों को विधान परिषद में भेजने का वादा किया था।
देश में 6 राज्यों में विधान परिषद है, जिनमें बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल है। पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटें हैं। एक विधान परिषद में सदस्यों की संख्या विधानसभा के सदस्यों से एक तिहाई से अधिक नहीं हो सकती है, लिहाजा बंगाल में विधान परिषद में 98 सदस्य हो सकते हैं।
नियमानुसार विधान परिषद गठित करने के लिए राज्य सरकार को पहले विधानसभा में बिल पारित करना होगा। सदस्यों में से एक तिहाई सदस्य विधायकों द्वारा चुने जाएंगे, जबकि अन्य वन थर्ड सदस्य नगर निकायों, जिला परिषद और अन्य स्थानीय निकायों द्वारा चुने जाते हैं। सरकार द्वारा परिषद में सदस्यों को मनोनीत करने का भी प्रावधान होगा। राज्यसभा की तरह ही इसमें भी एक सभापति और एक उपाध्यक्ष होते हैं। सभी का कार्यकाल 6 वर्ष का होगा।