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  4. Attack on Congress, Rahul and familyism, 5 big things of Narendra Modis speech
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Last Modified: गुरुवार, 10 अगस्त 2023 (19:59 IST)

कांग्रेस, राहुल और परिवारवाद पर हमला, नरेन्द्र मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें

Narendra Modi
PM Modi on No confidence motion: संसद में मणिपुर हिंसा पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No confidence motion) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कांग्रेस, राहुल गांधी और गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। ज्यादातर समय तक वे कांग्रेस और परिवारवाद पर ही निशाना साधते रहे। एक तरह से उनका भाषण चुनावी रैली का ही ज्यादा लग रहा था। हालांकि थोड़ी-बहुत उन्होंने विकास की भी चर्चा की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें... 
 
राहुल गांधी पर तीखे हमले : प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तीखे प्रहार किए। कहा- मैं उनके दिमाग को लंबे समय से जानता हूं, कल (बुधवार को) उनके दिमाग का भी पता चल गया। 24 घंटे उनके दिमाग में मोदी ही आता है। राहुल के लंका वाले बयान पर भी निशाना साधा।
 
उन्होंने कहा- जनता भगवान राम का रूप है, इसलिए कांग्रेस 400 से 40 पर आ गई। कांग्रेस बार-बार एक ही प्रोडक्ट को लांच करती है, लेकिन हर बार फेल हो जाती है। जिसके पीछे विपक्ष है, उसे जुबान का भी पता नहीं। जिन लोगों ने कभी मूली नहीं लगाई, वे (राहुल) खेतों को देखकर तो हैरान होंगे ही होंगे। कुछ पंक्तियों को उद्धृत करते हुए भी राहुल पर कटाक्ष किया- दूर युद्ध से भागते हैं, नाम रखा रणधीर। भाग्यचंद की आज तक, सोई है तकदीर।
 
कांग्रेस पर करारा कटाक्ष : मोदी ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। कहा- कांग्रेस का गठन ही एक अंग्रेज एओ ह्यूम ने किया था। कांग्रेस ने राष्ट्रीय प्रतीकों को भी चुरा लिया। राष्ट्रध्वज तिरंगे के तीन रंगों को अपने झंडे में शामिल कर लिया। कांग्रेस तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, नगालैंड की जनता कांग्रेस के प्रति अविश्वास व्यक्त कर चुकी है। वह इन राज्यों में लंबे समय से सत्ता से बाहर है।
 
दरअसल, कांग्रेस के पास न तो नीति है और नीयत। ये लूट की दुकान है, लूट का बाजार है, इसमें लूट है, मन काले हैं, घोटाले हैं। आप झूठ का बाजार चलाते हैं। शर्म करो नफरत की दुकान वालों, तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है। कांग्रेस ने 1966 में मिजोरम पर हवाई हमला करवाया। अकाल तख्त पर भी हमला करवाया। कांग्रेस ही नॉर्थ-ईस्ट की समस्याओं की जननी है, जबकि हमारे लिए जिगर का टुकड़ा है। 
 
परिवारवाद पर प्रहार : परिवारवाद यानी गांधी परिवार को निशाने पर लेते हुए मोदी ने कहा कि इन्होंने ने गांधी नाम की ताकत के चलते गांधी नाम चुरा लिया। ‍परिवार के बाहर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री बने इन्हें मंजूर नहीं होता। इन्हें यह भी पसंद नहीं कि गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है। यह कांग्रेस को चुभन है। महत्मा गांधी, सरदार पटेल, बाबा साहब अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण आदि नेताओं ने परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था। दरअसल, इन्हें दरबारवाद पसंद है। 
 
गठबंधन पर गुर्राए : मोदी ने हाल ही में बने विपक्ष के गठबंधन 'इंडिया' पर भी जमकर हमले किए। उन्होंने इस गठबंधन को 'घमंडिया' कहा। गठबंधन का मजाक उड़ाते हुए मोदी ने कहा- विपक्ष के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। बेंगलुरु में यूपीए का क्रियाकर्म किया गया, अंतिम संस्कार किया गया। दरअसल, नया गठबंधन खंडहर पर प्लास्टर लगाने जैसा है। गठबंधन अपनी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक गाड़ी बता रहा है।
 
कहा- भेष बदलकर धोखा देने की हकीकत सामने आ ही जाती है। ये लोग लेबल तो बदल लेंगे, लेकिन इनके पुराने पापों का क्या होगा। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि विपक्ष को अपनी सेना से ज्यादा पाकिस्तान की बात पर भरोसा होता है। विपक्ष को तो भारत की कोरोना वैक्सीन पर भी भरोसा नहीं था। 
 
अर्थव्यवस्था और विकास : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2028 तक भारत दुनिया तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। विपक्ष ने बैंकिंग व्यवस्था और एलआईसी को लेकर काफी भ्रम फैलाया। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप का मजाक विपक्ष ने बनाया। लेकिन, एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है, बैंक भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। एचएएल ने भी सबसे ज्यादा रेवेन्यू अर्जित किया है। दरअसल, इस कालखंड का असर 1000 साल तक रहने वाला है। ऐसे में हम सबका दायित्व है कि फोकस विकास होना चाहिए। संकल्प को सिद्ध करना समय की मांग है। 
 
अंत में मोदी ने मणिपुर को लेकर भी बोला। उन्होंने कहा कि मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा। पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। यहां भी मोदी कांग्रेस पर निशाना साधने में नहीं चूके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में ही मणिपुर त्रस्त हुआ था। हालांकि मणिपुर में जो हुआ वह अक्षम्य है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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