अरुंधति रॉय का बड़ा आरोप, NRC पर झूठ बोल रहे हैं पीएम मोदी
नई दिल्ली। लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध करने का आह्वान करते हुए बुधवार को दावा किया कि एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए डेटाबेस का काम करेगा। रॉय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एनआरसी मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहले ही कहा था कि एनपीआर और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है और उनके डेटाबेस को एक दूसरे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एनपीआर के लिए 2010 में डेटा एकत्रित किया गया था जिसे 2015 में अपडेट किया गया था। रॉय ने कहा कि NPR के अंतर्गत अधिकारी लोगों के घरों तक जाकर उनका नाम पता और अन्य जानकारी एकत्रित करेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय में एक विरोध सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे आपके घरों तक जाएंगे, आपका नाम, फोन नंबर और आधार ड्राइविंग लाइसेंस जैसे कागजात के बारे में पूछेंगे। एनपीआर एनआरसी का डेटाबेस बनेगा। हमें इसके खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से लड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि जब वे एनपीआर के लिए आपके घर आएं तो आप उन्हें दूसरा नाम बता दें। पते के लिए आप उन्हें 7, आरसीआर बताएं। हमें दबाने के लिए बहुत सारी ताकत लगेगी। हम लोग लाठी और गोली खाने के लिए पैदा नहीं हुए हैं।
रॉय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊपर यहां रविवार को रामलीला मैदान रैली में एनआरसी प्रक्रिया के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री ने झूठ बोला कि देश में डिटेंशन सेंटर या हिरासत केंद्र नहीं हैं।
अरुंधति ने कहा कि जो संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, उन्हें विभिन्न राज्यों से बाकायदा आश्वासन लेना चाहिए कि वे इस प्रावधान को लागू नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में सीएए और एनआरसी का व्यापक स्तर पर विरोध होने के बाद सरकार इसके प्रावधानों को एनपीआर के जरिए लागू करवाना चाहती है।
रॉय ने कहा कि उत्तरप्रदेश पुलिस मुस्लिमों पर हमला कर रही है और उनका दमन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश पुलिस मुस्लिमों के घरों में घुसकर लूटमार कर रही है। सीएए और एनआरसी मुस्लिमों के अलावा दलितों, आदिवासियों और देश के गरीब लोगों के भी खिलाफ है।