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Last Modified: सोमवार, 22 अक्टूबर 2018 (08:24 IST)

अमृतसर हादसा : सामने आया ट्रेन ड्राइवर का लिखित बयान, बताई हादसे की पूरी कहानी..., लोगों ने कहा- झूठा है ड्राइवर

अमृतसर हादसा : सामने आया ट्रेन ड्राइवर का लिखित बयान, बताई हादसे की पूरी कहानी..., लोगों ने कहा- झूठा है ड्राइवर - amritsar train accident dmu train driver told story what happened at that day
पंजाब और रेलवे पुलिस ने शनिवार को अमृतसर में 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के चालक को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। पंजाब पुलिस अधिकारियों के मुताबिक डीएमयू (डीजल मल्टीपल यूनिट) के ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेनशन से हिरासत में लिया गया और शुक्रवार रात को हुई इस घटना के संदर्भ में पूछताछ की गई। इस मामले में ड्राइवर का लिखित बयान सामने आया है। इसमें ड्राइवर ने उस रात हुए हादसे की पूरी कहानी को बताया है। यह लिखित बयान आधिकारिक रूप से ड्राइवर की ओर से आया है।
 
ड्राइवर अरविंद कुमार ने अपने बयान में लिखा है, जैसे ही मैने देखा कि ट्रैक पर सैकड़ों लोग मौजूद हैं, मैंने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। इस दौरान में लगातार हॉर्न बजाता रहा। इसके बावजूद कई सारे लोग ट्रेन के नीचे आ गए। जैसे ही ट्रेन रुकी, लोगों ने उस पर पथराव कर दिया। इसके बाद मैंने ट्रेन के यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया।
 
अपने पत्र में अरविंद ने लिखा कि  'मैंने 19 अक्टूबर को शाम 5 बजे चार्ज लिया। जालंधर से चलकर मैं शाम 6:44 बजे मानांवाला पहुंचा। 6:46 बजे येलो सिग्नल और ग्रीन सिग्नल मिलने पर अमृतसर के लिए ट्रेन रवाना हुई। मानांवाला और अमृतसर के बीच गेट सं. 28 का डिस्टेंट और गेट सिग्नल ग्रीन पास किया। 'जैसे ही गाड़ी केएम-नं. 508/11 के आसपास पहुंची तो सामने से गाड़ी सं. 13006 डीएन आ रही थी। अचानक लोगों का हुजूम ट्रैक के पास दिखाई दिया तो मैंने तुरंत हॉर्न बजाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया। इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी मेरी गाड़ी की चपेट में कई लोग आ गए। गाड़ी की स्पीड लगभग रुकने के करीब थी तो बड़ी संख्या में लोगों ने मेरी गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। गाड़ी में बैठी सवारियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन को आगे बढ़ाया और होम सिग्नल की स्थिति में अमृतसर स्टेशन पर आ गया।
 
झूठ बोल रहा है ड्राइवर : ट्रेन ड्राइवर के दावे पर स्थानीय लोगों ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्राइवर ने कहा था कि दशहरे के दिन दुर्घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके थे। पुलिस और रेलवे अधिकारियों को दिए बयान में ड्राइवर ने कहा है कि उसने ट्रेन को इसलिए नहीं रोका क्योंकि रावण दहन को देखने जुटी भीड़ में से कुछ लोग ट्रेन पर पत्थर फेंक रहे थे। 
 
अमृतसर के वॉर्ड नंबर 46 के शैलेंदर सिंह शैली ने ड्राइवर पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'मैं घटनास्थल पर मौजूद था। रुकने की तो बात ही छोड़िए, ट्रेन की रफ्तार भी धीमी नहीं हुई। ऐसा लग रहा था कि ड्राइवर हमें कुचलना चाहता था। ट्रेन वहां से चंद सेकेंडों में गुजर गई। क्या यह संभव है कि जब हम लोगों के आस-पास इतने सारे लोग मर रहे हों या घायल हों तो हम ट्रेन पर पत्थर फेंकेंगे। क्या इतने दर्दनाक हादसे के दौरान तेजी से गुजर रही ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है। ड्राइवर झूठ बोल रहा है।' 
 
मौके पर मौजूद रहे परमजीत सिंह का कहना है कि 'उसने ट्रेन धीमी तक नहीं की, रुकने की बात तो छोड़ दीजिए। ट्रेन इतनी स्पीड में थी कि हादसा कुछ ही सेकंडों में हो गया। सैकड़ों वीडियो हैं, जिनसे पता चलता है कि ट्रेन कितनी तेज गति से गुजर रही थी। हम केवल लोगों की चीखें ही सुन सकते थे।
 
अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन (डीईएमयू) की अधिकतम रफ्तार 96 किमी प्रति घंटा हो सकती है। अगर ब्रेक लगाए जाएं तो ऐसी स्थिति में खाली ट्रेन 300 मीटर चलकर पूरी तरह रुक जाएगी, वहीं सवारियों से भरी होने पर 600 मीटर तक चलने के बाद रुकेगी। डीआरएम फिरोजपुर के मुताबिक ट्रेन की रिकॉर्ड की गई आखिरी रफ्तार 68 किमी प्रति घंटा थी।
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