अमृतसर हादसे में रेलवे की गलती नहीं, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा, लोगों की लापरवाही से हुआ हादसा
अमृतसर। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने अमृतसर में मानावालां के निकट शुक्रवार रात हुए रेल हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शनिवार को कहा कि इसमें रेलवे की ओर से कोई चूक नहीं हुई है। स्थानीय प्रशासन ने रेलवे को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी थी।
लोहानी ने यहां दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा कि इस दुर्घटना में रेलवे कतई जिम्मेदार नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने रेलवे को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी थी। इस घटना के पीछे लोगों की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे के ट्रैक पर किसी भी व्यक्ति के आने की अपेक्षा नहीं की जाती है।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना बीच ट्रैक पर हुई है और बीच ट्रैक पर रेलवे के किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं की जाती है। रेलवे की लेवल क्रॉसिंग घटनास्थल से करीब 400 मीटर दूर है, जबकि गेटमैन की जिम्मेदारी गेट पर सड़क यातायात को नियंत्रित करने की होती है। उन्होंने कहा कि कोई सूचना नहीं होने के कारण गति नियंत्रण सतर्कता आदेश नहीं दिया गया था। जालंधर से आने वाली गाड़ी की तय गति करीब 90 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।
उन्होंने यह भी कहा कि वहां अंधेरा था, ट्रैक में मोड़ था इसलिए लोको पायलट को ट्रैक पर बैठे लोग दूर से नज़र नहीं आए। लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे, जिससे गति धीमी हुई थी और यह 60-65 किलोमीटर प्रतिघंटा के स्तर पर आ गई थी। अगर वह इमरजेंसी ब्रेक लगाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। गाड़ी में बड़ी संख्या में यात्री सवार थे।
इस बीच स्थानीय लोगों के अनुसार, दशहरा कार्यक्रम के मैदान और रेलवे ट्रैक के बीच चहारदिवारी थी, जिसे लांघकर लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े थे और मोबाइल फोन से कार्यक्रम का वीडियो बना रहे थे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, घटना में मृतकों की संख्या 58 है, जबकि स्थानीय प्रशासन ने मृतकों की संख्या 61 बताई है। घायलों की संख्या 48 है, जिनमें 13 की हालत गंभीर है।
घटना का पता चलते ही रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक रात में वायुसेना के विशेष विमान से अमृतसर पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया। सिन्हा ने दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था करने पर जोर दिया।
रेलमंत्री पीयूष गोयल अमेरिका की यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौट रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर दु:ख व्यक्त किया है और केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा घोषित किया है।