कैबिनेट मीटिंग से पहले शाह से मिलने क्यों पहुंचे योगी, क्या अध्यक्ष पर हुआ मंथन?
Amit Shah Meets Yogi Adityanath : कैबिनेट मीटिंग से पहले गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच एक मीटिंग हुई है। जैसे ही यह खबर फैली कि योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री शाह से मिलने पहुंचे हैं, वैसे ही यूपी की सियायत में हलचल तेज हो गई। दरअसल, दोनों के बीच की बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अमित शाह को एक बार फिर से केंद्र में मंत्री बनने को लेकर बधाई दी। वहीं, दोनों नेताओं के बीच मुलाकात ऐसे समय में हुई जब आज ही मोदी कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार शाम को प्रधानमंत्री के लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर होने की संभावना है।
क्या अध्यक्ष पद और यूपी रिजल्ट को लेकर हुई चर्चा : ऐसे में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव रिजल्ट को लेकर चर्चा हुई है। इसके अलावा अटकलें लगाई जा रही है कि अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच बीजेपी का अगला अगला अध्यक्ष कौन होगा को लेकर भी बात होने की संभावना है।
कौन होगा बीजेपी का अध्यक्ष : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। जनवरी 2020 में जेपी नड्डा ने अमित शाह की जगह बीजेपी का अध्यक्ष का पद संभाला था। अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल इसी महीने समाप्त होना है।
बता दें कि परिणाम आने के बाद बीजेपी नेता राजवीर सिंह ने कहा था कि भीतरघात के कारण चुनाव हार गए हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और एटा लोकसभा सीट से इस बार चुनाव हार गए राजवीर सिंह ने दावा किया कि वो चुनाव नहीं हारे हैं, बल्कि भितरघातियों ने हराया है।
क्या है यूपी में सीटों का गणित : लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे बड़ा झटका यूपी में लगा है। राज्य की 80 सीटों में से पूर्व सीएम अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के खाते में 37 सीटें गई. वहीं, बीजेपी को 33 से संतोष करना पड़ा है। इसके अलावा चुनाव में सपा के साथ लड़ी कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है।
साल 2014 के बाद पहली बार हुआ है कि बीजेपी बहुमत के जादुई आंकड़े 272 को पार नहीं कर पाई। इस कारण बीजेपी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल दलों पर निर्भरता बढ़ गई है।
Edited by Navin Rangiyal