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Last Updated : शुक्रवार, 31 मई 2019 (19:12 IST)

अमित शाह को मिली गृह मंत्रालय की अहम जिम्‍मेदारी, सामने होंगी ये 5 बड़ी चुनौतियां

Amit Shah Home Minister। अमित शाह को मिली गृह मंत्रालय की अहम जिम्‍मेदारी, सामने होंगी ये 5 बड़ी चुनौतियां - Amit Shah Home Minister
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गांधीनगर सीट से जीतकर आए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को गृह मंत्रालय सौंपा गया है। अमित शाह 17वीं लोकसभा में पहली बार सांसद बनकर पहुंचे हैं। इससे पहले राजनाथ सिंह इस मंत्रालय के गृहमंत्री थे। इस बार राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। गृहमंत्री के रूप में अमित शाह के समक्ष ये 5 बड़ी चुनौतियां होंगी-
 
1. नक्सलवाद और माओवाद
 
देश में नक्सलवाद और माओवाद की समस्या आतंकवाद से भी बड़ी है। देश के लगभग 9 राज्यों में नक्सलवादी सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, बिहार, पश्‍चिम, आंध्र और तेलंगाना। इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्यप्रदेश नक्सलवादियों के गढ़ हैं। उक्त सभी राज्यों की लगी सीमाओं में भी नक्सलवादी किसी न किसी रूप में सक्रिय हैं। कहते हैं कि इन्हें वामपंथी विचारधारा और चीन का सहयोग प्राप्त है।
 
2. घरेलू और बाहरी आतंकवाद
 
देश में नक्सलवादी और आतंकवादियों का कहीं-कहीं गठजोड़ देखने को मिलता है। जम्मू और कश्मीर के अलावा पश्चिम बंगाल, असम और केरल में आतंक की विचारधारा सक्रिय है। जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई अन्य राज्यों से लगातार आतंकवादियों को सहायता और आतंकवाद के फलने-फूलने की खबरें आती रहती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह सबसे पहले घर में पल रहे आतंकवाद से निपटने की योजना बनाएंगे।
 
3. रोहिंग्या और घुसपैठियों की बढ़ती संख्‍या
 
पश्चिम बंगाल समेत उत्तर-पूर्वी राज्यों में एनआरसी लगाने के बाद भी लगातार चल रहे रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे को लेकर अमित शाह चुनावी सभा में इन्हें भगाने की बात बोलते रहे हैं। अब देखना होगा कि वे इस पर क्या करते हैं? ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अमित शाह इस मामले में सबसे बेहतर मंत्री साबित होंगे, क्योंकि गुजरात के गृहमंत्री रहने के दौरान उन्होंने पहले भी पाकिस्तानी सीमाओं से होने वाली घुसपैठ जैसे मामलों का निपटारा किया था। देश में इस वक्त रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या लगभग 40 हजार से ज्यादा है।
 
4. जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद
 
जम्मू और कश्मीर में से भी कश्मीर में कुछ ऐसे जिले हैं, जहां अलगाववादी सक्रिय हैं। वहां पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित अलगाव, पत्थरबाजी और आतंक दशकों से संचालित हो रहा है। इस बार भाजपा ने वहां से धारा 370 हटाने का वादा किया है। इसका वहां के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती विरोध कर चुके हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में अमित शाह गृहमंत्री रहते क्या करते हैं? उनके लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वे कैसे पत्थरबाजों और अलगाववादियों से निपटेंगे?
 
5. आंतरिक सुरक्षा, बढ़ता अपराध और ड्रग्स का कारोबार
 
भारत में कुछ राज्यों में आंतरिक सुरक्षा के हालात अच्छे नहीं हैं। अपराध, बलात्कार और ड्रग्स का व्यापार भी चरम पर है। ऐसा माना जा रहा है कि अमित शाह इस सब पर नकेल कसना जानते हैं, क्योंकि गुजरात के गृहमंत्री पद पर रहते उन्होंने यह काम बखूबी किया था। गुजरात को उन्होंने अपराधमुक्त कर दिया था। इस बार वे देश को अपराधियों से मुक्त कर देंगे, जैसा कि योगी आदित्यनाथ ने यूपी को कर दिया।
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