केदारनाथ। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की जगह तांबे की परत चढ़ाने का आरोप लगाते हुए तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने इसकी जांच की मांग उठाई है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर प्रचारित है। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष भी हैं। इस सनसनीखेज आरोप के बाद बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी ने सभी आरोपों का खंडन किया है।
श्री बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से इस जानकारी को भ्रामक और जनभावनाओं को आहत करने वाला बताया गया है।समिति ने कहा कि गर्भगृह में कुल 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य बाजार भाव के अनुसार लगभग 14.38 करोड़ रुपए है तथा स्वर्ण मंडित कार्य हेतु प्रयुक्त कॉपर प्लेटों का कुल वजन 1001300 किलोग्राम है, जिसका कुल मूल्य 29 लाख रुपए है।
गौरतलब है कि गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने को लेकर शुरू से ही विवाद रहा। अब मंदिर कमेटी को इन आरोपों व सोने की जांच के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेनी होगी।बद्री-केदार मंदिर कमेटी के अनुसार श्री केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह की दीवारों एवं जलेरी को स्वर्ण मंडित कराए जाने का कार्य वर्ष 2022 में एक दानदाता के सौजन्य से संपादित करवाया गया है।
वर्तमान में कतिपय व्यक्तियों द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है कि एक अरब पन्द्रह करोड़ रुपए मूल्य का सोना मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया है तथा बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित कर जनमानस की भावनाओं को आहत किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
उक्त के सम्बन्ध में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति स्पष्ट करना चाहती है कि श्री केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह में एक दानदाता के सौजन्य से कुल 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य लगभग 14.38 करोड़ रुपए है तथा स्वर्ण मंडित कार्य हेतु प्रयुक्त कॉपर प्लेटों का कुल वजन 1001300 किलोग्राम है, जिसका कुल मूल्य 29 लाख रुपए है।
अतः श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उक्त के सम्बन्ध में सोशल मीडिया में प्रसारित भ्रामक जानकारी का खंडन करती है। इसके अतिरिक्त उक्त भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्यवाही भी की जा रही है।
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के लिए अधिकारियों ने ली बैठक : हरिद्वार में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कांवड़ मेले को लेकर 18 वीं अंतरराज्यीय व अन्तर इकाई समन्वय बैठक देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय के सभागार में ली।
बैठक में कांवड़ यात्रा की तैयारियां को लेकर शुक्रवार को हरियाणा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल के पुलिस अधिकारियों और सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों ने प्रतिभाग कर इसमें सहयोग का भरोसा दिया। बैठक में आईबी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में यात्रा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जिसमें कांवड़ियों की निगरानी ड्रोन से करने को लेकर भी निर्णय लिया गया। सुरक्षा के लिए 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती तो हरिद्वार में ही की जाएगी। यह भी तय हुआ कि बाहरी राज्यों के हर कांवड़िए को अपनी आईडी साथ लेकर आना होगा।कांवड़ यात्रा में डीजे पर प्रतिबंध नहीं होगा लेकिन नियंत्रण होगा।चारधाम जाने वाले वाहनों को कांवड़ यात्रा के दौरान डायवर्ट किया जाएगा।12 फुट से ऊपर की ऊंचाई वाली कांवड़ नहीं आने दी जाएगी।
DGP अशोक कुमार ने कहा कि 4 से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है। इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल व शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराना है। उन्होंने अधिकारियों से अभी से कांवड़ यात्रा हेतु पुलिस प्रबन्ध किए जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े।
इस वर्ष लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों के उत्तराखण्ड आने की सम्भावना है। इस वर्ष सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सैक्टर में विभाजित किया गया है। घाटों पर जल पुलिस की तैनाती सहित थाना स्तर पर सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।
शरारती तत्वों एवं अनावश्यक रूप से उपद्रव करने वाले कारकों को रोकने में एक-दूसरे का पूरा सहयोग किया जाएगा और संयुक्त अभिसूचना तंत्र विकसित कर लाभप्रद सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा। बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे स्पेशल पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार ने परस्परिक समन्वय हेतु सीमावर्ती जिलों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने पर जोर दिया।
Edited By : Chetan Gour