अग्निपथ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीसरी याचिका, सरकार ने दाखिल की कैविएट
नई दिल्ली। सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ पर जारी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है। अब तक तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी हैं। इनमें अग्निपथ योजना पर रोक लगाने की मांग की गई है।
इस बीच केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करके कहा गया है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र का पक्ष भी सुना जाए।
सोमवार को एडवोकेट हर्ष अजय सिंह ने एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की गुजरिश की।उन्होंने अपनी रिट याचिका में कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए युवाओं की सेना में भर्ती की जा रही है, उसके बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को ही आगे स्थायी किया जाएगा।
याचिका में कहा गया है कि युवावस्था में चार साल का कार्यकाल पूरा होने पर अग्निवीर आत्म-अनुशासन बनाए रखने के लिए न तो पेशेवर रूप से और न व्यक्तिगत रूप से पर्याप्त परिपक्व होंगे। ऐसे में प्रशिक्षित अग्निवीरों के भटकने की बहुत संभावनाएं हैं।