नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए आज संजय सिंह और दो कम जाने-पहचाने चेहरों को उम्मीदवार बनाया। कम जाने-पहचाने चेहरों में से एक दिल्ली के अरबपति कारोबारी हैं, जिनके विगत में कांग्रेस से संबंध रहे हैं और एक अन्य उम्मीदवार वरिष्ठ चार्टड एकाउंटेंट हैं। सिंह पार्टी गठन के समय से ही उससे जुड़े हुए हैं। सुशील गुप्ता दिल्ली के एक कारोबारी हैं और एन डी गुप्ता एक वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं।
आप की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) द्वारा किए गए इस फैसले की जहां कई पार्टी नेताओं ने तारीफ की वहीं कुमार विश्वास जैसे कई नेताओं ने इसका विरोध किया। कुमार ने खुद को एक ‘शहीद’ करार देते हुए कहा कि अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ बोलने की वजह से उच्च सदन के लिए उनकी अनदेखी की गई।
पीएसी की बैठक से पहले करीब 56 विधायकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि विधायकों ने आम सहमति से उम्मीदवारों का समर्थन किया। हालांकि सूत्रों ने कहा कि इस दौरान असहमति थी। कई लोग मायूस होकर बाहर निकले और मीडियाकर्मियों को नजरअंदाज कर जल्दी से अपने वाहनों में बैठ गए।
माना जाता है कि पीएसी की बैठक में आप के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सीट का टिकट मिलने की उम्मीद करने वालों में शामिल आशुतोष ने अरबपति कारोबारी के नामांकन पर आपत्ति जताई। नौ पीएसी सदस्यों में आशुतोष आपत्ति उठाने वाले एकमात्र सदस्य थे।
सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अरविन्द केजरीवाल उच्च सदन में दिल्ली का प्रतिनिधत्व करने के लिए तीन जानी-मानी हस्तियां चाहते थे। तदनुसार, हमने मीडिया, शिक्षाविदों और कानूनविदों सहित 18 ऐसे लोगों से संपर्क किया।’ उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘हालांकि उनमें से कुछ ने यह कहते हुए विनम्रता से इनकार कर दिया कि राज्यसभा में जाने से उनकी स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।
शेष ने कहा कि आप के साथ जुड़ने से केंद्र उनका नुकसान कर देगा। इसलिए हमने मिश्रित चयन किया और उन लोगों को मनोनीत किया जो उच्च स्तर के न हों, लेकिन उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा हो।’ चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने राज्यसभा उम्मीदवारी के लिए सिंह को बधाई दी। उन्होंने अन्य दो नामों के बारे में टिप्पणी से इनकार कर दिया।
सिंह पूर्व में एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं और वह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले हैं। वह केजरीवाल के सर्वाधिक विश्वस्त लोगों में शुमार माने जाते हैं और उनके साथ ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के आंदोलन के दिनों से ही रहे हैं। प्रशिक्षण से मेकैनिकल इंजीनियर सिंह (46) हाल में पंजाब चुनाव के आप प्रभारी थे।
56 वर्षीय सुशील गुप्ता ने कांग्रेस के टिकट पर 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। उन्होंने अपने पास 160 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है। वहीं, एनडी गुप्ता (72) इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आईसीएआई) के पूर्व अध्यक्ष हैं। सुशील गुप्ता निजी और परमार्थ स्कूलों की श्रृंखला चलाते हैं। उन्होंने चुनावी हलफनामे में खुद को किसान घोषित किया था।
उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को कांग्रेस छोड़ दी थी। पीएसी सदस्य कुमार विश्वास बैठक में मौजूद नहीं थे। उन्होंने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें ‘सच’ बोलने की सजा दी जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लगभग डेढ़ साल पहले केजरीवाल ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुस्कान के साथ कहा था, ‘हम आपको खत्म कर देंगे, लेकिन आपको शहीद नहीं बनने देंगे।’’
विश्वास ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं (केजरीवाल को) बधाई देता हूं कि मैंने अपनी शहादत स्वीकार कर ली है।’ विपक्षी भाजपा और पूर्व आप नेताओं योगेंद्र यादव तथा प्रशांत भूषण ने भी आप के फैसले की निन्दा की। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि आप ने उच्च सदन चुनाव के लिए ‘दो व्यवसायियों’ को नामांकित कर लोगों को ‘धोखा’ दिया है।
यादव ने कहा कि आप ने सुशील गुप्ता के साथ वित्तीय सौदा किया है। ‘मैं कहा करता था कि उनमें चाहे जो भी खामियां हों @अरविन्द केजरीवाल को नहीं खरीदा जा सकता। कपिल मिश्रा के आरोपों पर उनका बचाव किया। अब मुझे नहीं पता कि क्या कहा जाए। नि:शब्द, शर्मिन्दा और स्तब्ध हूं।’ दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन ने ट्वीट किया कि सुशील गुप्ता नवंबर के शुरू में ही अपने संभावित नामांकन के बारे में जानते थे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘अन्यथा, सुशील एक अच्छे आदमी हैं जो अपने परमार्थ के लिए जाने जाते हैं।’ रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री मंत्री अरुण शौरी, पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर उन हस्तियों में शामिल हैं, जिनसे आप ने राज्यसभा उम्मीदवारी के लिए संपर्क किया था।
दिल्ली से तीन राज्यसभा सीटों पर 16 जनवरी को चुनाव होगा क्योंकि मौजूदा सदस्यों- करण सिंह, जनार्दन द्विवेदी और परवेज हाशमी का कार्यकाल 27 जनवरी को समाप्त हो रहा है। ये सभी कांग्रेस से हैं। आप के पास दिल्ली विधानसभा में प्रचंड बहुमत है और वह तीनों सीटों पर जीत दर्ज कर लेगी। राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 5 जनवरी है। (भाषा)