दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा और विपक्ष के बीच छिड़ा वाकयुद्ध, लगाए आरोप-प्रत्यारोप
नई दिल्ली। किसान आंदोलन से जुड़ी 'टूलकिट' सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को भाजपा और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। विपक्ष ने 21 वर्षीय दिशा की गिरफ्तारी को 'लोकतंत्र पर हमला' करार देते हुए कहा कि भारत की आवाज को दबाया नहीं जा सकता तो भाजपा ने पुलिस की कार्रवाई की बचाव किया और कहा कि अपराध तो अपराध है, जिसका उम्र से कोई लेनादेना नहीं है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिशा की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया कि बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं! उन्होंने कहा कि भारत खाामोश नहीं होने वाला है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।
आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 21 साल की दिशा रवि की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अप्रत्याशित हमला है। हमारे किसानों का समर्थन करना अपराध नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि मुझे लोकतंत्र को लेकर चिंता हो रही है, क्योंकि यह बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
भाजपा नेता और गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया कि अगर आयु आधार है तो फिर परमवीर चक्र से नवाजे गए सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल 21 साल की उम्र में शहीद हुए। मैं किस पर गर्व करूं। टूलकिट के रूप में दुष्प्रचार फैलाने वालों पर तो गर्व नहीं करूंगा।
भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने ट्वीट किया कि 21 वर्षीय... पर्यावरण कार्यकर्ता... छात्रा... क्या भारत को तोड़ने वाली ताकतों का हिस्सा बनने के लिए ये खूबियां हैं? वह टूलकिट तक कैसे पहुंची? वह व्हाट्एसएप पर भारत विरोधी ग्रुप में शामिल क्यों हुई? कई सवाल हैं लेकिन सिर्फ एक जवाब है... 21 साल।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने भी दिशा की गिरफ्तारी की निंदा की। पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम ने कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि यदि माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि देश के लिए खतरा बन गई है तो भारत की शासन व्यवस्था बहुत ही कमजोर बुनियाद पर खड़ी है। चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए लाया गया एक टूक किट अधिक खतरनाक है! रमेश ने आरोप लगाया कि यह न्यू इंडिया की तानाशाही है जिसे 'अमित शाही' कहा जाता है।
विपक्ष के आरोपों पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि एक अपराधी तो अपराधी है। अगर वो नाबालिग नहीं है तो फिर लिंग और आयु का कोई मतलब नहीं रह जाता। आपकी जानकारी के लिए बता देता हूं कि मुंबई पर हमले के वक्त अजमल कसाब 21 साल का था। उन्होंने कहा कि किसानों का समर्थन करना अपराध नहीं है, लेकिन भारत के खिलाफ साजिश करना और दूसरों को भड़काना निश्चित तौर पर अपराध है।
उल्लेखनीय है कि किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी 'टूलकिट' सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में दिशा रवि को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि दिशा रवि (22) को दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' के साथ साठगांठ की।
पर्यावरणविदों ने की दिशा रवि की रिहाई की मांग : सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने 'टूलकिट' दस्तावेज मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए सरकार से कहा है कि वह भारत के युवाओं को निशाना बनाना बंद करे। सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने मामले में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आरोप हटाने की भी मांग की।
पुलिस ने बताया है कि रवि (22) को केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध- प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट को जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के साथ कथित तौर पर साझा करने के लिए शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि रवि 'टूलकिट गूगल दस्तावेज' की एडिटर होने के साथ ही दस्तावेज तैयार करने और उसके प्रसार की प्रमुख साजिशकर्ता थी।
अधिवक्ता निकिता जैकब और सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं। इनके खिलाफ यह गैर जमानती वारंट दस्तावेज तैयार करने में उनकी कथित संलिप्तता और 'खालिस्तान समर्थक तत्वों के सीधे संपर्क में रहने के आरोप में जारी किए गए हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद रवि, जैकब और शांतनु के समर्थन में सामने आए हैं।
'ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन' की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि रवि को रिहा किया जाना चाहिए और पुलिस को अन्य को परेशान करना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ उम्मीद हैं, क्योंकि उन्हें सिर्फ खुद की ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता है।
उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में लोकतंत्र की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं। यदि हम विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की बराबरी साजिश के साथ करेंगे तो आप अब लोकतंत्र नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें तुरंत पूरी तरह से कमजोर, हास्यास्पद आधार पर आधारित इस मामले को वापस लेना चाहिए। एक टूलकिट राजद्रोह नहीं है, यह कोई साजिश नहीं है, टूलकिट विरोध के लिए है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी रवि की गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि एक स्थानीय अभियान संचालित करने वाला व्यक्ति भी टूलकिट तैयार करता है। उन्होंने रवि एवं मामले में अन्य को अपना समर्थन जताते हुए कहा कि हमें प्रधानमंत्री के अभियान टूलकिट को देखना चाहिए। हम बेतुकेपन की सीमा पार कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंसी का पात्र बन जाएंगे। दिल्ली स्थित 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट' की प्रमुख सुनीता नारायण ने भी गिरफ्तार कार्यकर्ता को अपना समर्थन दिया।
उन्होंने ट्वीट किया कि हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन अस्तित्व संबंधी एक खतरा है। इस पर अधिक कार्रवाई के वास्ते दुनिया को युवाओं की लगन और प्रतिबद्धता के साथ ही उनकी मुखर आवाज की जरूरत है। दिशा रवि को रिहा किया जाए। 9 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कांगुजम ने इसे देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज को चुप कराने का प्रयास बताया।
कांगुजम ने ट्वीट किया कि यह इस देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का एक प्रयास है। लेकिन यह हमें अपने ग्रह और भविष्य के लिए लड़ने से नहीं रोक पाएगा। 50 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त बयान में रवि के समर्थन में आवाज उठाई और उनकी गिरफ्तारी को परेशान करने वाला कि प्रकृति में अवैध और सरकार की जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया वाला बताया।
'कोएलिशन फॉर एन्वायरमेंटल जस्टिस इन इंडिया' के बैनर तले जारी बयान में इसे जनता का ध्यान बंटाने का प्रयास भी कहा गया। इसमें कहा गया है कि यह और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्रवाई, लोगों को वास्तविक मुद्दों जैसे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमत, व्यापक बेरोजगारी और बिना किसी योजना के लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट और पर्यावरण की खतरनाक स्थिति से ध्यान बंटाने की रणनीति है। समूह द्वारा एक ऑनलाइन अर्जी शुरू की गई है जिसमें जलवायु कार्यकर्ता की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी।उन्होंने कहा कि हम मामले के गुणदोष में नहीं जा सकते, क्योंकि जांच जारी है, लेकिन यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी...। जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए टूलकिट साझा किया था।
दस्तावेज में ट्विटर पर अधिक संख्या में संदेश ट्वीट करने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध- प्रदर्शन करने सहित विभिन्न आवश्यक कार्रवाई सूचीबद्ध की गई थी ताकि किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया जा सके। पुलिस ने कहा है कि 'बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन' में स्नातक रवि 'फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया' नामक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक है। (भाषा)