2001 Indian Parliament Attack : कायराना आतंकी हमले का दिन, जब गोलियों से दहल गया था लोकतंत्र का मंदिर, बाल-बाल बचे थे आडवाणी समेत 200 सांसद
नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2001 को सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था। देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़ी संसद भवन की इमारत में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एम्बेसेडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में वे कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षाबलों ने उन्हें ढेर कर दिया।
शीतकालीन सत्र चल रहा था और विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही करीब 40 मिनट तक स्थगित रही। इसके बाद नेता विपक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी घर की तरफ जा चुके थे। तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित करीब 200 सांसद पार्लियामेंट के अंदर ही मौजूद थे।
9 जवान हुए थे शहीद : पांच आतंकियों ने लोकतंत्र के मंदिर पर हमला किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की बहादुरी और सतर्कता से पांचों आतंकवादी ढेर हो गए। इसमें हमारे नौ बहादुर जवान भी शहीद हो गए। हमले में 5 आतंकी समेत 14 लोग मारे गए थे।
अफजल गुरु को दी गई थी फांसी : आतंकी हमले के पीछे मोहम्मद अफजल गुरु, एसए आर गिलानी और शौकत हुसैन सहित पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई शामिल थे। संसद हमले के 12 साल बाद अफजल गुरु को 9 फरवरी, 2013 को फांसी दी गई थी।