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  4. 20 thousand more security personnel needed for Amarnath Yatra
Last Modified: शनिवार, 8 जून 2024 (20:30 IST)

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो और ड्रोन भी होंगे तैनात

amarnath himling
Amarnath Yatra from June 29: हालांकि प्रशासन और केंद्रीय गृह मंत्रालय इसको लेकर चुप्पी साधे बैठा है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा पर कोई आतंकी खतरा मंडरा रहा है या नहीं, लेकिन हजारों जवानों की तैनाती की कवायद के बीच 20 हजार और सैनिकों की मांग चिंता में जरूर डालती थी। यही नहीं खतरे की शंका इस कारण भी है क्योंकि इस बार भी अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों की सुरक्षा की खातिर एनएसजी कमांडो तैनात किए जाएंगे तथा बड़ी संख्या में ड्रोन की सहायता ली जाएगी।
 
29 जून (जिस दिन हिमलिंग के प्रथम दर्शन होंगे) से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को कश्मीर में डेरा डालने के निर्देश गृहमंत्री द्वारा दिए गए हैं।
 
एनएसजी कमांडो होंगे तैनात : सूत्रों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के दौरान आशंकित आतंकी हमले को देखते हुए केंद्र सरकार ने एनएसजी कमांडो की कई टुकड़ियों को कश्मीर में तैनात करने का फैसला लिया है। श्रीनगर शहर के अलावा दक्षिण कश्मीर में भी इन जवानों को तैनात किया जाएगा। सुरक्षा कारणों से इनकी लोकेशन को गुप्त रखा गया है। यह खतरा लोकसभा चुनावों में आतंकियों द्वारा कुछ न कर पाने से परेशान पाकिस्तान के कुत्सित इरादों के कारण दिख रहा है।
यह सच है कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित संपन्न करवाने के लिए सुरक्षाबलों ने रणनीति तैयार कर ली है। यात्रा मार्ग पर स्थित आधार शिविरों के अलावा 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मल्टी टीयर सुरक्षा बंदोबस्त रहेंगे। सुरक्षा के पहले घेरे में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सशस्त्र सीमा बल, बीएसएफ के जवान तैनात रहेंगे और सेना के जवान बाहरी सुरक्षा घेरे को मजबूती प्रदान करेंगे।
 
ड्रोन की ली जाएगी मदद : इस वर्ष भी अमरनाथ यात्रियों के वाहनों पर नजर रखने के लिए उन्हें जीपीएस तथा आरएफआईडी तकनीक से लैस किया जा रहा है। सीआरपीएफ के जवान जीपीएस तकनीक का संचालन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग तथा आधार शिविरों पर शरारती तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सैकड़ों ड्रोन की मदद ली जाएगी।
 
दूसरे घेरे में राज्य पुलिस, जबकि तीसरे में सेना के जवान तैनात रहेंगे। आतंकी हमले या फिर आपदा के दौरान सेना के जवान तीसरे घेरे से निकल कर सुरक्षा के पहले घेरे की कमान संभाल लेंगे। इस वर्ष आतंकी हमले के आशंकित खतरे को गंभीरता से लेते हुए अमरनाथ यात्रा के दौरान 60 हजार पुलिसकर्मियों समेत लाखों अर्द्ध सैनिक बल तथा सेना के जवान तैनात होंगे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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