Narak chaturdashi 2024: दीपावली के पांच दिनी उत्सव में नरक चतुर्दशी दूसरे दिन का त्योहार रहता है। इसे छोटी दिवाली और रूप चौदस भी कहते हैं। इसी दिन हनुमान जयंती भी रहती है। नरक चतुर्दशी की रात्रि की पूजा 30 अक्टूबर को होगी और उदयातिथि के अनुसार रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान 31 अक्टूबर को प्रात: 05:33 से 06:47 बजे के मध्य होगा। आओ जानते हैं कि इस दिन कैसे घर में ही उबटन बनाकर करें स्नान। रूप चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी) रूप चौदस पर उबटन करने की भारतीय परंपरा सदियों से चली रही है। इस दिन उबटन लगाकर सूर्योदय पूर्व स्नान करने से पाप दूर हो जाते हैं। सदियों से उबटन का विशेष महत्व माना गया है। चतुर्दशी पर औषधि मिश्रित पानी से स्नान किया जाए तो वर्षभर शरीर निरोगी रहता है, सुख, धन और वैभव में भी वृद्धि होती है।
उबटन 1- 1 चम्मच दही, 1 चम्मच बेसन, चुटकी भर हल्दी 2-4 बूंद नींबू के रस को मिलाकर गाढ़ा लेप तैयार करें। त्वचा निरोगी बनेगी और रौनक बढ़ेगी।
उबटन 2- 100 ग्राम हल्दी की गांठ को रातभर के लिए छाछ में भिगो दें। सुबह पीसकर पेस्ट बनाएं। यह उबटन ठंड से राहत दिलाने और रंगत निखारने में कारगर है।
उबटन 3- थोड़े-से दही में 8 से 10 तुलसी या नीम की पत्तियों का पाउडर मिलाएं। इसके प्रयोग से त्वचा में अक्सर उभरने वाले कील, मुंहासों से राहत मिलेगी।
उबटन 4- एक चम्मच आटे का चोकर, चावल का पेस्ट, 3 पुदीने की पत्तियां और 5 गुलाब की पंखुरियां मिलाकर लगाएं। इससे त्वचा खूबसूरत होगी।
उबटन 5- तिल को दूध में रातभर भिगोकर रखें। सुबह पीसें और चुटकीभर हल्दी मिला लें। यह उबटन त्वचा को निखारने के साथ-साथ ठंड से राहत देगा।
उबटन 6- रात के समय 2 बादाम और 1 छोटा चम्मच चिरौंजी जऱा-से दूध में भिगो दें। सुबह पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं।
उबटन 7- एक चम्मच चावल का आटा, 1 छोटा चम्मच शहद 1 छोटा चम्मच गुलाब जल मिलाकर बना लेप लगाएं। इससे त्वचा खिलेगी
उबटन 8- उड़द दाल को कच्चे दूध में भिगो दें। इसका पेस्ट बनाएं। थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। चमक जाएगा चेहरा।
उबटन 9-1 चम्मच दही और 1 चम्मच आटे में गुलाबजल मिलाकर लेप बनाएं। इसके इस्तेमाल से शरीर की मृत त्वचा से छुटकारा मिलेगा और रंगत निखरेगी।
उबटन 10- केले को मैश कर 1 चम्मच आटा या बेसन डालकर मिलाएं। यह उबटन टैनिंग दूर करने में बहुत काम का है।
सामान्य उबटन में जरूरी सामग्री : हल्दी, बेसन, चंदन, गुलाब जल, मलाई, दूध, दही, नींबू, मुल्तानी मिट्टी आदि।
नोट : त्वचा की प्रकृति के अनुसार उबटन इस्तेमाल करें। ध्यान रहे कि त्वचा को रगड़ें नहीं।