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Written By Author ललि‍त गर्ग
Last Modified: शनिवार, 18 नवंबर 2017 (20:16 IST)

मूडीज की मोहर से बदलेंगी दिशाएं

मूडीज की मोहर से बदलेंगी दिशाएं - Banknotes Moody's, GSG, US Credit Rating Agency
नोटबंदी एवं जीएसजी के आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए मोदी सरकार को जिन स्थितियों का सामना  करना पड़ रहा है, उन स्थितियों में अर्थव्यवस्था को गति देने के तौर-तरीके खोजे जा रहे हैं, ऐसे समय में मोदी सरकार के लिए एक बेहतर खबर आई है कि अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज’ ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग में सुधार करने का फैसला किया। यह एक संयोग ही है कि इसके पहले ऐसा फैसला 2004 में तब हुआ था जब केंद्र में भाजपा की अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार थी।
 
निश्चित ही यह देश के लिए आर्थिक एवं व्यापारिक दृष्टि से एक शुभ सूचना है, एक नई रोशनी है एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक एवं व्यापारिक प्रयोगों एवं नीतियों की सफलता एवं प्रासंगिकता पर मोहर है, उपयोगिता का एक तगमा है, जिससे लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री अरुण जेटली यदि उत्साहित हो तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है। जो भी हो, रेटिंग सुधरना सबके लिए अच्छी खबर है। सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि माहौल सुधरने का लाभ सभी सेक्टर्स यानी बड़ी कंपनियों के साथ मझौली एवं छोटी कंपनियों एवं व्यापारियों को मिले।
 
भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका उसके बढ़ते मार्केट की हो सकती है। इस दृष्टि से भारत में विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने में मूडीज की रेटिंग की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मूडीज का यह फैसला विश्व समुदाय को भारत की ओर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करेगा। इसके पहले कुछ ऐसा ही काम विश्व बैंक की उस रैंकिंग ने भी किया था जो विभिन्न देशों में कारोबारी सुगमता के माहौल को बयान कर रही थी। यह एक सुखद संयोग है कि मूडीज के निष्कर्ष ने मोदी सरकार की नीतियों पर ठीक उस समय मुहर लगाई जब एक अमेरिकी संस्था के सर्वेक्षण से यह सामने आया कि तमाम चुनौतियों के बाद भी भारतीय प्रधानमंत्री की लोकप्रियता न केवल कायम है, बल्कि उसमें वृद्धि भी हो रही है।
 
‘मूडीज’ की रेटिंग ऐसे समय आई है जब देश में नोटबंदी एवं जीएसटी को लेकर नरेन्द्र मोदी को अनेक विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। नोटबंदी और जीएसटी से लगे घावों को भरने के लिए सरकार के द्वारा हर दिन प्रयत्न किए जा रहे हैं। मोदी घोर विरोध, नोटबंदी एवं जीएसटी के घावों को गहराई से महसूस कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले से सक्षम और भरोसेमंद बताने वाली रेटिंग मोदी सरकार के साथ-साथ उद्योग-व्यापार जगत के लिए भी एक खुशखबरी है। यह न केवल इस क्षेत्र के लोगों की उत्साह भरी प्रतिक्रिया से पता चल रहा है, बल्कि शेयर बाजार में आई उछाल से भी। गुजरात के विधानसभा चुनाव से पहले इस रेटिंग का सामने आना, इन चुनाव के परिणामों को भी प्रभावित करेगा। 
 
भाजपा के कुछ नेताओं के रुदन एवं विपक्षी नेताओं के असंतोष के बादल भी इससे छंटेंगे। हम अपने देश में भले ही नोटबंदी एवं जीएसटी को लेकर विरोधाभासी हो लेकिन इन आर्थिक सुधारों का विदेशों में व्यापक स्वागत हुआ है और माना गया है कि पहले नोटबंदी के द्वारा आर्थिक अनियमितताओं और फिर जीएसटी के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का काम किया गया। चूंकि विपक्ष इन दोनों फैसलों को लेकर ही सरकार पर निशाना साधने में लगा हुआ था इसलिए अब उसके समक्ष यह कहकर खीझने के अलावा और कोई उपाय नहीं कि विश्व बैंक और मूडीज सरीखी एजेंसियों का आकलन कोई मायने नहीं रखता। हकीकत यह है कि ऐसी एजेंसियों की अपनी एक अहमियत है और वे अंतरराष्ट्रीय उद्योग-व्यापार जगत एवं निवेशकों के रुख-रवैये को प्रभावित भी करती हैं। आने वाले समय में भारत का व्यापार इससे निश्चित रूप से प्रभावित होगा। 
 
कम से कम भारत की अर्थव्यवस्था को यदि मजबूती मिलती है जो उस पर तो सर्वसम्मति बननी चाहिए, सभी में उत्साह का संचार होना चाहिए, उसका तो स्वागत होना चाहिए। यह किसी पार्टी नहीं, देश को सुदृढ़ बनाने का उपक्रम है। इस पर संकीर्णता एवं स्वार्थ की राजनीति को कैसे जायज माना जासकता है? नए आर्थिक सुधारों, कालेधन एवं भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए मोदी ने जो भी नई आर्थिक व्यवस्थाएं लागू की है, उसके लिए उन्होंने पहले सर्वसम्मति बनायी, सबकी सलाह से फैसले हुए हैं तो अब उसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं तो इसमें सभी को खुश होना चाहिए। यह अकेली भाजपा की खुशी नहीं हैं। कुछ भी हो ऐसे निर्णय साहस से ही लिये जाते हैं और इस साहस के लिये मोदी की प्रशंसा हुई है और हो रही है। संभव है कुछ समय बाद में अन्य अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियां भी मूडीज की तरह ऐसे ही नतीजे पर पहुंचें तो आश्चर्य नहीं। 
 
भारत सरकार आर्थिक सुधार के व्यापक कार्यक्रमों को आकार देने में जुटी है, मोदी सरकार ने एक के बाद एक कई छोटे-बड़े सुधार किए हैं। इन सुधारों का श्रेय लेना उनका अधिकार है और लेना भी चाहिए। हमारे लिये यह स्वमूल्यांकन का भी अवसर है, हम मूडीज की ओर से दी गई रेटिंग से खुश हो ले, लेकिन हमारी क्षमताएं इससे भी अधिक है और इससे ऊंची रेटिंग पाने का धरातल भी अब हमारे पास है। उद्योग-व्यापार में तेजी न केवल आनी चाहिए, बल्कि वह दिखनी भी चाहिए। इससे ही सरकार की राजनीतिक चुनौतियां आसान होंगी और इसी से हम शक्तिशाली राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर होंगे।
 
मूडीज के आकलन के सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे। किसी गहरे घाव को जड़ से नष्ट करने के लिए कड़वी दवा जरूरी होती है। अब कालेधन एवं भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये नोटबंदी और जीएसटी भले ही कष्टदायक कदम सिद्ध हो रहे हैं, उन्हें वापस भी नहीं लिया जा सकता लेकिन मोदी ने जो रास्ता पकड़ा है, वह सही है, आर्थिक अराजकता एवं अनियमिता को समाप्त करने का रास्ता है और इसी से भारत दुनिया में एक आर्थिक महाशक्ति बनकर उभर सकेगा।
 
नरेन्द्र मोदी का आर्थिक दृष्टिकोण एवं नीतियां एक व्यापक परिवर्तन की आहट है। उनकी विदेश यात्राएं एवं भारत में उनके नये-नये प्रयोग एवं निर्णय नए भारत को निर्मित कर रहे हैं, ‘मूडीज’ एवं विश्व बैंक ने भी इन स्थितियों को महसूस किया है, मोदी की संकल्प शक्ति को पहचाना है, तभी वे रेटिंग एवं रैंकिंग दे रहे हैं। मोदी का सीना ठोक-ठोककर अपनी आर्थिक नीतियों के बारे में अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना अनुचित नहीं है। भले ही राजनीति के दिग्गज एवं जानकर लोग इसे मोदी का अहंकार कहे, या उनकी हठधर्मिता लेकिन मोदी ने इन स्थितियों को झुठला दिया है। वे देश को जिन दिशाओं की ओर अग्रसर कर रहे हैं, उससे राजनीति एवं व्यवस्था में व्यापक सुधार देखा जा रहा है। आर्थिक क्षेत्र में हलचल हो रही है, नई फिजाएं बनने लगी हैं।
 
निश्चित रूप से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण शेयर मार्केट से लेकर कमोटिडी मार्केट तक विदेशी कंपनियों को बेहतर रिटर्न भारत से ही मिल सकता है, इस बात पर दुनिया में एक अनुकूल वातावरण बनने लगा है, सभी की नजरें भारत पर टिकी है। यही कारण है कि वे भारत को काफी तवज्जो दे रही है। उनका तो हाल यह है कि नीतियों को अनुमति मिलने से पहले ही वे निवेश के लिए तैयार हैं। इधर अनिवासी भारतीयों ने भी निवेश बढ़ाना शुरू कर दिया है। ये भारत की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत हैं।