अपने बच्चों के फ़ोन एडिक्शन के कहीं आप तो नहीं हैं ज़िम्मेदार
- मोनिका पाण्डेय
बदलते हुए लाइफस्टाइल का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं बल्कि छोटे बच्चों पर भी साफ़ देखा जा सकता है। पहले के समय में जब मां काम करती थी तो वो अपने बच्चों को खिलौने दे देती थी और अपना काम करती थीं। बच्चा उन खिलौने से खेलता भी था, वही आज के समय में देखा जाए, तो मां अपने बच्चों को खिलौने की जगह स्मार्ट फ़ोन में राइम्स वीडियो लगा कर दे देती हैं।
बच्चा कई घंटों तक लगातार वीडियो देखते रहता है और जब मां काम करने के बाद जैसे ही बच्चे के पास आती है और वो वीडियो बंद करती है तो बच्चा रोने लग जाता है और वीडियो देखने की ज़िद करता है।
कल तक खिलौने और दोस्तों के साथ खेलने वाले बच्चे आज मोबाइल पर समय बिताना पसंद करने लगे हैं और यही वजह है कि कम उम्र में ही बच्चों को फोन की लत लग जा रही है, जिसके कारण अधिकतर माता-पिता परेशान रहते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं की बच्चों में फ़ोन एडिक्शन के लत की वजह आप ही हैं। आइए जानते हैं कैसे?
बच्चे को ऐसे कराए चुप :
अक्सर जब बच्चे रोते हैं तो पेरेंट्स अपने बच्चों को फ़ोन पकड़ा देते हैं और बच्चा चुप भी हो जाता है, ऐसे में पेरेंट्स हर बार ही ऐसा करने लग जाते हैं और बच्चों को फ़ोन देखने की आदत हो जाती है फिर बच्चा अपने दोस्तों और खिलौने के साथ खेलने की जगह फ़ोन पर वीडियो देखना, गेम खेलना पसंद करने लग जाता है और इस तरह आपका बच्चा फ़ोन एडिक्ट हो जाता है। आप अपने बच्चे को बात-बात पर फ़ोन पकड़ाने की जगह उसे दोस्तों के साथ खेलने भेजें या उनके पसंद की चीज उस वक्त उन्हें खाने को दें।
बच्चे से मोबाइल न छीने :
जब आपका बच्चा फ़ोन से खेलता है और आप अचानक आ कर उससे फ़ोन छीन लेते हैं, तो इससे आपका बच्चा रोने लग जाता है और फ़ोन लेने की ज़िद करने लग जाता है। आप उनसे फ़ोन लेने की जगह फ़ोन का इंटरनेट बंद कर सकती हैं, जब फ़ोन में कुछ नहीं चलेगा तब आपका बच्चा आकर अपने आप ही आपको फ़ोन लौटा देगा।
सोशल मीडिया का कम प्रयोग :
बहुत से ऐसे पेरेंट्स होते हैं जो सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा एक्टिव रहते हैं और उन्हें देखकर बच्चे भी फ़ोन में अधिक दिलचस्पी लेने लगते हैं। आप अपने बच्चों को फ़ोन से दूर रखना चाहते हैं, तो उनके सामने फोन का प्रयोग न करें।