महाराष्ट्र में महायुति को बहुमत मिलने की स्थिति में क्या शिंदे का पत्ता साफ हो जाएगा?
Maharashtra Assembly Elections 2024 News: महाराष्ट्र में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद यदि महायुति को बहुमत मिलता है तो क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का पत्ता कट जाएगा? भाजपा नेताओं के बयानों से तो ऐसा ही लगता है कि शिंदे का दूसरी बार मुख्यमंत्री बनना लगभग मुश्किल है। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा 160 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। स्थानीय नेताओं का जोर भी इसी आंकड़े पर है। इससे कम सीटों पर चुनाव लड़ना उसे मंजूर नहीं है। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत होगी।
गठबंधन सहयोगियों का क्या होगा : यदि भाजपा 160 सीटों पर लड़ती है तो उसके सहयोगियों के पास 128 सीटें ही बचेंगी। और, अगर भाजपा ज्यादा सीटें जीतती है तो मुख्यमंत्री पद पर स्वाभाविक रूप से भाजपा का दावा ही सबसे मजबूत होगा। इन 128 सीटों में से शिवसेना और एनसीपी के बीच सीटों का बंटवारा होगा। यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना ने 107 सीटों पर दावा किया है। इस लिहाज से अजित की एनसीपी के पास बहुत ही कम सीटें रहेंगी।
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शिंदे की नजर शिवसेना के परंपरागत गढ़ समझे जाने वाले मुंबई और ठाणे क्षेत्र की ज्यादातर सीटों पर है। हालांकि भाजपा शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन अजित पवार की एनसीपी को मनमाफिक टिकट नहीं मिलने से उनका नाराज होना तय है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 105 सीटें जीती थीं। हालांकि भाजपा ने स्पष्ट तौर पर यह नहीं कहा है कि मुख्यमंत्री उनका होगा या फिर शिंदे को ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। लेकिन, इसका संकेत इस बात से मिलता है कि भाजपा नेता रावसाहेब दानवे के बयान से मिलता है, जिसमें उन्होंने इस बात से इनकार किया कि महायुति के घटक दल मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करेंगे।
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क्या कहा भाजपा नेता दानवे ने : पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के घटक दलों के बीच कोई दोस्ताना मुकाबला नहीं होगा। उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि महायुति के घटक दल मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करेंगे। राज्य में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है।
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दानवे ने कहा कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के बारे में फैसला विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही लिया जाएगा। चुनाव से पहले कोई भी इस बारे में बात नहीं करेगा। दानवे ने कुछ सीट पर भाजपा और राकांपा के बीच दोस्ताना मुकाबले की अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राजग के घटक दलों के बीच कोई दोस्ताना मुकाबला नहीं होगा। हम सीट बंटवारे के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेंगे और उसी के अनुसार चुनाव लड़ेंगे। सीट बंटवारे के फॉर्मूले में उम्मीदवार की जीत की संभावना ही एकमात्र पैमाना होगा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala