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कानून व्यवस्था पर मप्र विधानसभा में जमकर हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

कानून व्यवस्था पर मप्र विधानसभा में जमकर हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट - Uproar of opposition in the Madhya Pradesh Assembly
भोपाल। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बुधवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा इस कदर हुआ कि विधानसभा की प्रश्नकाल की पूरी कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही एक बार 5 मिनट और दूसरी बार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भोपाल में मासूम की अगवा कर हत्या करने के मामले में सरकार को जमकर घेरते हुए हंगामा किया। विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव पेश कर प्रश्नकाल को निलंबित कर सदन में चर्चा की मांग की। विपक्ष की इस मांग का सत्तापक्ष के विधायकों ने जोरदार विरोध किया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई।

इस दौरान विपक्ष के विधायकों ने नारेबाजी करते हुए बेल में आकर आसंदी का घेराव किया। हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को पहले 5 मिनट और बाद में 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल शुरू होते ही विपक्ष ने फिर एक बार कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बोलने की अनुमति दी, लेकिन शिवराज के बोलने पर सत्तापक्ष के विधायक लगातार टोकाटाकी करते रहे, जिस पर विपक्ष ने अपनी आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए सदन की कार्यवाही का वॉकआउट किया।

इसके बाद मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। शिवराज ने कहा कि एक ओर सरकार तबादलों में व्यस्त है तो दूसरी ओर लगातार मासूमों को अपराधी अपना निशाना बना रहे हैं। शिवराज ने कहा कि तबादलों को उद्योग बना दिया है जिससे अधिकारियों का मनोबल टूट गया है। इसलिए अपराधों के लिए सीधे मुख्यमंत्री और गृहमंत्री दोषी हैं। शिवराज ने कहा कि जब विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की तो विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की गई। शिवराज ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

सदन में तीखी नोंकझोंक : इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रश्नकाल निलंबित कर इस पर चर्चा की मांग की, वहीं सत्तापक्ष ने विपक्ष की मांग का जोरदार विरोध किया। सत्तापक्ष की तरफ से मंत्री जीतू पटवारी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार के समय प्रदेश में जब मासूमों के साथ दुष्‍कर्म की घटनाएं होती थीं तो वह क्यों चुप था।

जीतू ने कहा कि विपक्ष के नेताओं में श्रेय लेने की होड़ चल रही है और विपक्ष बेवजह मासूमों की हत्या पर राजनीति कर रहा है। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज पूरा प्रदेश जल और धधक रहा है, मासूमों को जिंदा भूना जा रहा है और सरकार चुपचाप बैठी है, इसलिए विपक्ष की मांग है कि प्रश्नकाल को निलंबित कर तत्काल पूरे मुद्दों पर चर्चा की जाए।

हंगामे के बीच पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आज मध्य प्रदेश अपराधियों का टापू बन गया है। विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब सूबे में बल्ला चल रहा था, तब कानून व्यवस्था कहां थी।
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