मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर होगी सोयाबीन की खरीदी, बोले शिवराज, किसान के पसीने की पूरी कीमत मिलेगी
भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों की सोयाबीन की फसल की खरीबी अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के किसानो के सोयाबीन की फसल की एमएसपी पर खरीदी की अनुमति दे दी है। गौरतलब है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन खरीदी के लिये केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था।
आज दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कल मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट में सोयाबीन खरीदी का प्रस्ताव पास होकर राज्य सरकार का अनुरोध केंद्र सरकार को मिला है, जिसपर तत्काल कार्रवाई करते हुए अनुमति प्रदान कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के किसान चिंतित थे सोयाबीन एमएसपपी के नीचे बिक रहा था पहले हमने महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों को मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर सोयाबीन की खरीदी की अनुमति दी थी। कल रात को ही मध्य प्रदेश सरकार का प्रस्ताव आया है एमएसपी पर सोयाबीन की खरीदी का उस प्रस्ताव को हमने स्वीकृति दे दी है। मध्य प्रदेश के किसान भी चिंता ना करें सोयाबीन एमएसपी की जो दरें हैं उस पर खरीदा जाएगा। किसान के पसीने की पूरी कीमत दी जाएगी। मध्य प्रदेश में भी यह खरीदी होगी।
सोयाबीन पर गर्माई थी सियासत- देश के सबसे अधिक सोयाबीन उत्पादन करने वाले राज्य मध्यप्रदेश में सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस ने सोयाबीन के समर्थन मूल्य पर खरीदी की मांग को लेकर मंगलवार को मंदसौर से न्याय यात्रा शुरु की थी। गौरतब है कि मध्य प्रदेश में मालवा-निमाड़ के साथ-साथ नर्मदापुर के इलाके में बड़ी संख्या में किसान सोयाबीन की खेती करते है वह सोयाबीन को समर्थन मूल्य को लेकर नाराज थे। प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन का दाम 3800 से 4000 रुपये क्विंटल मिल रहा है, जबकि सोयाबीन का MSP 4892 रुपये क्विंटल है। ऐसे में मंडियों में पहुंचने वाले किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों का दावा है कि सोयाबीन के ये दाम 10 सालों में सबसे निचले स्तर पर हैं। ऐसे में किसान सोयबीन को 6 हजार प्रति क्विंटल पर खरीदी की मांग कर रहे थे।