मुख्यमंत्री शिवराज ने दी उल्टा लटकाने की चेतावनी
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के उन अधिकारियों को कथित रूप से उल्टा टांग देने की चेतावनी दी है जो राजस्व, अविवादित नामांतरण और सीमांकन के मामलों का निराकरण एक महीने के अंदर नहीं करेंगे। चौहान के इस विवादित बयान के बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने उन पर जुबानी हमले शुरू कर दिए हैं और उन्हें घेरने लगे हैं।
मध्यप्रदेश भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शनिवार को मुख्यमंत्री जब पार्टी पदाधिकारियों से बात कर रहे थे तो दमोह के एक पदाधिकारी ने उनसे पिछले महीने प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के संदर्भ में कहा कि गांवों में राजस्व के मामले लटके पड़े हैं। नामांतरण नहीं हो पा रहे हैं। इस व्यवस्था को ठीक करवाइए।
इस पर चौहान ने कहा कि ‘मैं एक महीने बाद जिलों में जाऊंगा। अगर किसी भी जिले में अविवादित नामांतरण और सीमांकन का मामला लंबित मिला तो संबंधित अधिकारी को कथित रूप से उल्टा टांग दूंगा। वे दोबारा अधिकारी बनने लायक नहीं रहेंगे।’
भाजपा पदाधिकारियों के बीच मुख्यमंत्री ने पिछले महीने प्रदेश में हुए किसान आन्दोलन पर विस्तार से बात भी की और आरोप लगाया कि कांग्रेस इस आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी करके मेरी सरकार को गिराना चाहती थी। इस विवादित बयान पर मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए मध्यप्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बताया, ‘मुख्यमंत्री किसानों के मुद्दे पर गंभीर हैं।
उन्होंने उन राजस्व अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है, जो किसानों से जुडे राजस्व मामलों को लटकाए रखते हैं।’ इसी बीच, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चौहान पर अपनी सरकार की असफलता के लिए नौकरशाहों पर दोष मढने का आरोप लगाया है।
मध्यप्रदेश के गुना से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बयान में आज कहा कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ उपयोग किए गए ऐसे कठोर शब्द उनकी हताशा बताती है। सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश के राजस्व एवं कृषि विभागों में भारी भ्रष्टाचार व्याप्त है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान परेशान हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अधिकारियों पर इसका दोष मढ़कर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच, इस विषय पर प्रतिक्रया करते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी विधानसभा परिसर में यही बात कही।
सिंह ने आगे कहा कि ये वे ही अधिकारी हैं, जो चौहान के लिए पिछले 11 साल से काम कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अब इन अधिकारियों पर अपनी विफलता के लिए दोष मढ़ रहे हैं, क्योंकि पिछले महीने मध्यप्रदेश में किसानों द्वारा अपनी उपज की वाजिब दाम एवं कर्जमाफी को लेकर किए गए आंदोलन से चौहान की जमीन खिसक रही है। (वार्ता)