MP में CM डॉ. मोहन यादव की संभागीय समीक्षा बैठक के बाद अब प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी
भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार प्रदेश में जल्द बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी मे है। अगले एक-दो दिन में प्रदेश में बड़े स्तर पर मंत्रालय से लेकर जिलों में तैनात अफसरों के तबादले हो सकते है। ऐसे में जब आने वाले समय में लोकसभा चुनाव होने है तो प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों में नए सिरे से प्रशासिनक जमावट करने की तैयारी मे है।
संभागीय समीक्षा बैठक में कामकाज का फीडबैक-प्रदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद जमीनी स्तर पर प्रशासन के कामकाज का फीडबैक ले रहे है। मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद डॉ. मोहन यादव अब इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा संभाग की समीक्षा बैठक कर चुके है। संभागीय समीक्षा बैठक को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव किस कदर गंभीर है इसकी बानगी गुरुवार को देखने को मिली जब जबलपुर संभाग की समीक्षा बैठक के 24 घंटे के अंदर जबलपुर कलेक्टर सौरव कुमार सुमन का हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि समीक्षा बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर सौरव कुमार सुमन की कई शिकायतें की थी, जिसके बाद उन्हें कलेक्टर पद से हटाकर मंत्रालय में लूप लाइन में भेज दिया।
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने कई जिलों के कलेक्टर और एसपी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए थे। भाजपा का आरोप था कि कई अधिकारी चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए काम कर रहे है। ऐसे में अब लोकसभा चुनाव से पहले ऐसे अफसरों की जिलों से विदाई तय मानी जा रही है और ऐसे अफसर आने वाले समय में लूफ लाइन मेंं नजर आएंगे। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि आज रीवा संभाग की समीक्षा बैठक के बाद अगले एक-दो दिन में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है। इसमें जिलों में तैनात कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी बदले जा सकते है।
प्रशासन में कसावट को लेकर मुख्यमंत्री के सख्त तेवर- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रशासन में कसावट लाने को लेकर इन दिनों बेहद सख्त तेवर में नजर आ रहे है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने जिस तरह से शाजापुर कलेक्टर के साथ गुना में बस हादसे के बाद जिलों में तैनात अफसरों से लेकर परिवहन आयुक्त तक को हटाया है उससे एक बात स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री प्रशासन को जीरो टॉलरेंस को लेकर सीधा संदेश देना चाह रहे है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम सचिवालय में तैनात अफसरों का बदलाव करने के साथ इसके संकेत दे दिए है कि नई सरकार में नई टीम का गठन होगा।
3 साल से पदस्थ अफसर हटेंगे?-मार्च के पहले पखवाड़े में लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले चुनाव आयोग ने राज्यों से 30 जून 2024 की स्थिति में तीन वर्ष से एक स्थान पर जमे कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्वाचन कार्यों हटाने के निर्देश दिए है।
मुख्य सचिव को लेकर भी अटकलें- वर्तमान मुख्य सचिव वीरा राणा 31 मार्च को रिटायर होना है, ऐसे में मार्च में जब लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी होगी,तब प्रदेश में मुख्य सचिव पद पर कौन होगा, यह भी प्रशासनिक गलियारों में चर्चा के केंद्र में है। वीरा राणा को मार्च के बाद मुख्य सचिव पद पर एक्सटेंशन मिलेगा, अब इस बात की अटकलें भी लगाई जा रही है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश मेंं नए मुख्य सचिव के नियुक्ति की भी अटकलें है। नए मुख्य सचिव की दौड़ में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के IAS अधिकारी अनुराग जैन का नाम सबसे आगे है। अनुराज जैन की पिछले दिनों मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से हुई मुलाकात और उनके भोपाल दौरे के बाद उनके मुख्य सचिव बनने की अटकलें तेज हो गई है। इसके साथ सीनियर IAS अफसर मो. सुलेमान और डॉ. राजेश राजौरा का नाम प्रमुख है।