• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Mohan Yadav cabinet expansion in Madhya Pradesh soon
Written By Author विकास सिंह
Last Modified: शनिवार, 16 दिसंबर 2023 (11:48 IST)

दिल्ली में लगेगी मोहन यादव कैबिनेट के मंत्रियों के नामों पर मोहर, इनको मिल सकता है मौका

दिल्ली में लगेगी मोहन यादव कैबिनेट के मंत्रियों के नामों पर मोहर, इनको मिल सकता है मौका - Mohan Yadav cabinet expansion in Madhya Pradesh soon
भोपाल। मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव कैबिनेट का पहला विस्तार जल्द हो सकता है। कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों की सूची को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा रविवार को दिल्ली जा सकते है। जहां उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक होना प्रस्तावित है। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा मंत्रिमंडल पर निर्णय पार्टी का यशस्वी नेतृत्व करेगा।

कैबिनेट में दिखेंगे नए चेहरे-मध्यप्रदेश में मोहन यादव कैबिनेट में नए चेहरों को जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है। कैबिनेट विस्तार में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री,  रमेश मेंदोला, दिव्यराज सिंह, रीति पाठक, राव उदय प्रताप सिंह, एंदल सिंह कंसान, अमरीश शर्मा, नारायण सिंह कुशवाह, धमेंद्र लोधी, हरीशंकर खटीक, संजय पाठक, संपतिया उइके, अरुण भीमावद, आशीष शर्मा, निर्मला भूरिया, अशोक रोहणी, शैलेंद्र जैन, करण सिंह वर्मा और चेतन कश्यप को शामिल किया जा सकता है।

पुराने चेहरों में इनको मिल सकती जगह- मोहन यादव कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन बैठाने के लिए कुछ पुराने और दिग्गज नेताओं को भी जगह मिल सकती है। इसमें पिछली सरकार में शामिल तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र प्रताप सिंह, इंदर सिंह परमार, हरदीप सिंह डंग को फिर से मौका मिल सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार में संगठन और सरकार के बीच सांमजस्य बैठाने की पहल दिखाई सकती है।

कैबिनेट विस्तार में लागू होगा गुजरात फ़ार्मूला!- मध्यप्रदेश में पांचवी बार सत्ता में वापस आई सरकार के चेहरे के रूप में जिस तरह पार्टी आलाकमान ने तमाम दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ते हुए डॉ. मोहन यादव पर दांव लगाया है उसके बाद यह माना जा रहा है कि मोहन कैबिनेट में भी नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी। गुजरात में भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के  बाद जिस तरह से कैबिनेट गठन में जिस तरह से सभी पुराने चेहरों को दरकिनार करते हुए नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था, ठीक उसी तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।