MP में निवेशकों के लिए रेड कार्पेट बिछा रही मोहन सरकार, उद्योग की परमीशन देने के लिए कलेक्ट्रेट में बनेगी विशेष सेल
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों के रेड कॉर्पेट बिछा रही है। प्रदेश में अब उद्योग के जरूरी परमीशन के लिए जिलों में कलेक्टर कार्यायल में एक अलग प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। इसके साथ ही उद्योगों को लगाने के लिए सभी अनुमतियां को जल्द देने की जिम्मेदारी कलेक्टर की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। इस संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापना के लिए आवश्यक अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने के लिए कलेक्टर कार्यालय में एक पृथक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। अनुमतियां शीघ्र प्रदान करने की जिम्मेदारी कलेक्टर की होगी। इसकी प्रदेश स्तर से भी सतत मॉनिटरिंग की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवास में लघु भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय उद्यमी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बुधवार 7 और गुरूवार 8 अगस्त को प्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिए बेंगलुरु में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "मध्यप्रदेश उद्योग दर्शन पुस्तिका" का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश क्षेत्रीय, भौगोलिक आदि सभी दृष्टि से औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल हैं। प्रदेश में बेहतर रोड एवं रेल कनेक्टिविटी के साथ पर्याप्त कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता हैं। मध्यप्रदेश में नवीन सरकार के गठन के पश्चात से ही निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उज्जैन और जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सफल आयोजन के पश्चात अब ग्वालियर, सागर और रीवा में भी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रोजगार आधारित उद्योगों तथा अन्य उद्योगों के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का विकास भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि न केवल लघु उद्योग अपितु कुटीर उद्योग, हॉर्टिकल्चर आदि के भी व्यापार, व्यवसाय का विकास निरंतर जारी रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की पारदर्शिता और शुचिता आदर्श है। औद्योगिक विकास के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था इसी का बेहतरीन उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु भारती के पदाधिकारियों को अखिल भारतीय उद्यमी सम्मेलन के आयोजन के लिए बधाई दी।