मध्यप्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर अटकलों का दौर तेज हो गया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के कमलनाथ को भाजपा में शामिल होने का ऑफर देने के बाद आज कमलनाथ अपना पहले से निर्धारित 5 दिवसीय छिंदवाड़ा दौरा बीच में छोड़कर आज दिल्ली जा रहे है। वहीं कमलनाथ के सांसद बेटे नकुलनाथ भी आज पहले से तय कार्यक्रम कैंसल कर पिता के साथ दिल्ली जा रहे है। ऐसे में कमलनाथ के दिल्ली दौरे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। वहीं दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद सोमवार (19 फरवरी) को कमलनाथ कोई बड़ा फैसला ले सकते है।
कमलनाथ को भाजपा का ऑफर-दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के लंबे समय से भाजपा में शामिल होने की अटकलों को शुक्रवार को उस वक्त और बल मिल गया जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ के लिए भाजपा के दरवाजे खुले है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे देश-समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कमलनाथ के लगातार भाजपा नेताओं से मिलने के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है। भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि सब स्वतंत्र है कोई भी किसी पार्टी से बंधा नहीं है।
कमलनाथ को क्यों लाना चाहती है भाजपा?- मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत कर सत्ता में आने वाली भाजपा आखिरी लोकसभा चुनाव से पहले क्यों कमलनाथ को पार्टी में शामिल करना चाहती है, इसके कई कारण है। दरअसल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का टारगेट सेट किया। 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा मोदी लहर में भी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट नहीं जीत सकी थी और 2023 के नवंबर-दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी छिंदवाड़ा में अपना खाता नहीं खोल पाई। ऐसे में मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिशन 29 को पूरा करने के लिए भाजपा कमलनाथ को पार्टी में लाना चाहती है।
वहीं कमलनाथ की गिनती गांधी परिवार के सबसे करीबी नेताओं में होती है, ऐसे में भाजपा कमलनाथ को पार्टी में लाकर सीधे गांधी परिवार पर निशाना साधना चा रही है। ऐसे में जब राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर पार्टी को मजबूती देने की कोशिश कर रहे है तब भाजपा कमलनाथ के जरिए राहुल गांधी को एकजुटता मुहिम की हवा निकालने की कोशिश में जुटी है।
कांग्रेस के क्यों नाराज हैं कमलनाथ?- कांग्रेस के सबसे सीनियर नेता आखिर कांग्रेस से क्यों नाराज है, इसके भी कई कारण है। राहुल गांधी से कमलनाथ की बढ़ती दूरी और पार्टी में लगातार हो रही अपनी उपेक्षा से कमलनाथ नाराज चल रहे है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कमलनाथ को राज्यसभा भेजे जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थी लेकिन पार्टी हाईकमान ने उनको मौका नहीं दिया।
इसके साथ ही 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले कमलनाथ के चेहरे पर पार्टी ने 2023 का भी विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा औऱ पार्टी 66 सीटों पर सिमट गई। विधानसभ चुनाव में पार्टी की हार के बाद कमलनाथ की संगठनात्मक क्षमता और उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे। वहीं कमलनाथ विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के मूड में नहीं थी और उन्होंने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु कर दी थी।
इस बीच पार्टी हाईकमान की ओर से कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के साथ उनको कोई नई जिम्मेदारी भी नहीं दी। इसके बाद कमलनाथ ने अपने को प्रदेश की राजनीति से दूर कर लिया है। इतना ही नहीं जब कांग्रेस अयोध्या में राममंदिर कार्यक्रम से दूरी बना रही थी तो कमलनाथ छिंदवाड़ा में भगवान राम से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए। 77 वर्षीय कमलनाथ छिंदवाड़ा से विधानसभा सदस्य चुने गए है, लेकिन उन्होंने प्रदेश की राजनीति से अपनी दूरी बना रही है। नेता प्रतिपक्ष के चुनाव के लिए हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी कमलनाथ नहीं पहुंचे थे।
छिंदवाड़ा पर कमलनाथ का फोकस-पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना पूरा फोकस छिंदवाड़ा पर कर दिया है। वर्तमान में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद है और कांग्रेस विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा जिले की सभी 7 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ छिंदवाड़ा सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ लगातार छिंदवाड़ा में सक्रिय है और हर विधानसभा में पहुंचकर वोटरों का आभार जता रहे है।
कमलनाथ की निष्ठा पर उठ चुके है सवाल?- कमलनाथ की निष्ठा पर उनके ही पार्टी के नेता सवाल उठा चुके है। पिछले दिनों कांग्रेस पार्टी के नेशनल मीडिया पैनालिस्ट आलोक शर्मा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का जिक्र करते हुए कमलनाथ पर सवाल उठाते हुए कहा था कि किस तरह से उन्होंने हवाई जहाज में एक महिला पत्रकार को इंटरव्यू दिया, वो इंटरव्यू बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण था और पार्टी ने भी उस पर सवाल उठाया था। मुझे नाम लेने में कोई गुरेज नहीं है,वह व्यक्ति कमलनाथ हैं और पिछले पांच-छह सालों में उनके जैसे क्रियाकलाप रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कहीं उनके बीजेपी से सांठ-गांठ तो नहीं हैं। कहीं वो चाहते तो नहीं थे कि कांग्रेस की सरकार आए। हमारे वरिष्ठ नेताओं की गलती है कि इस व्यक्ति को पहचाना नहीं गया. मध्य प्रदेश में उनके राज में क्यों सरकार गिरी, इसका आकलन होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके बाद तमाम घटनाएं हुईं, जिसमें इस व्यक्ति ने इतना ज्यादा अहंकार दिखाया, फिर भी समझ नहीं आया। अखिलेश-वखिलेश जैसे बयान दिए गए, मगर एक व्यक्ति के अहंकार ने जिस तरह से पूरे चुनावी माहौल को बदला, वो बेहद ही अहंकारपूर्ण है।