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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 4 फ़रवरी 2020 (09:05 IST)

IIFA पर सियासत : प्रदेश की जनता परेशान और नाचने गाने वाले बनेंगे सरकारी मेहमान : गोपाल भार्गव

IIFA पर सियासत : प्रदेश की जनता परेशान और नाचने गाने वाले बनेंगे सरकारी मेहमान : गोपाल भार्गव - IIFA 2020 :BJP slams govt for wastfull expenditure
भोपाल। मध्यप्रदेश में आईफा अवॉर्ड समारोह का काउंटडाउन शुरू होने के साथ ही अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा ने आईफा समारोह को लेकर कमलनाथ सरकार पर प्रदेश की जनता के पैसों की बर्बादी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगी है। प्रदेश की जनता हलाकान और नाचने-गाने वाले सरकारी मेहमान बनेंगे।
 
उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को आईफा अवॉर्ड जैसे नाच-गाने का शौक है, तो बड़े शहरों में जाकर अपने पैसों से अपने शौक पूरे करे। जनता की गाढ़ी कमाई ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है जिसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश की धरती पर दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं, किसान कर्जमाफी के इंतजार में आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगार युवा हताशा और अवसाद का शिकार हो रहे हैं, खाली खजाने का हवाला देकर कमलनाथ सरकार गरीबों की योजनाओं को बंद कर रही है। वहीं दूसरी ओर आईफा अवॉर्ड के नाम पर सरकार अपनी वाहवाही में लगी हुई है।
 
उन्होंने कहा कि यह आईफा अवॉर्ड प्रदेश की जनता के पैसों से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादाखिलाफी और दलित और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों का जश्न है।
 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक तरफ सरकार खाली खजाने का रोना रो रही है और तत्कालीन भाजपा सरकार पर दोषारोपण कर रही है कि खजाना खाली छोड़ा है, लेकिन फिजूलखर्ची के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है?
 
उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार 1 साल बीत जाने के बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकी है।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड़ भी अन्यत्र खर्च कर दी। अतिथि शिक्षक पिछले 53 दिनों से धरने पर बैठे हैं। उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है और दूसरी और सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढ़ेगा, यह हास्यास्पद है।