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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: बुधवार, 5 अप्रैल 2023 (17:12 IST)

धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में हादसों को रोकने के लिए कानून बनाएगी कांग्रेस सरकार: कमलनाथ

सरकार में आने पर सेफ़्टी ऑडिट और कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम का होगा गठन : कमलनाथ

धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में हादसों को रोकने के लिए कानून बनाएगी कांग्रेस सरकार: कमलनाथ - Congress government will enact a law to prevent accidents in religious and social events: Kamal Nath
भोपाल। इंदौर में बेलेश्वर मंदिर हादसे में 36 लोगों की मौत के बाद अब यह सियासी मुद्दा भी बन गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सत्ता में आने उनकी सरकार अयोजनों का सेफ़्टी ऑडिट करने के साथ और कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन भी करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीते दिनों इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में एक हृदय विदारक घटना में 36 श्रद्धालुओं की जान चली गई। यह पहला अवसर नहीं है जब किसी धार्मिक या सार्वजनिक आयोजनों में इस प्रकार की दुखद घटनाएं हुई हों। इसके पहले भी प्रदेश में 13 अक्टूबर 2013 को रतनगढ़ माता मंदिर में मची भगदड़ से 117 श्रद्धालुओं की मौत हुई हो या ज्योंतिर्लिंग औंकारेश्वर पुल पर भगदड़ में 20 मौतें हुई हों, या हाल ही में रुद्धाक्ष महोत्सव में सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ से उत्पन्न हुई अव्यवस्थाओं का प्रश्न हो।

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में धार्मिक, सामाजिक और लोकमहत्व के कार्यक्रमों को बांट करके आयोजन के पूर्व उनका सेफ़्टी ऑडिट अनिवार्य करेंगे। इन आयोजनों को लोगों के शामिल होने के संख्या के आधार पर बांटा जाएगा। जिसमें एक हजार से पांच हजार, पांच हजार से पचास हजार, पचास हजार से एक लाख और एक लाख से अधिक लोगों के किसी आयोजन में शामिल होने के पहले उस स्थान का सेफ़्टी और सिक्युरिटी ऑडिट किया जायेगा, जिसके लिए बाकायदा एक कानून भी लाया जाएगा।

जिसमें आयोजनों के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जायेगा,जैसे-आयोजन परिसर की क्षमता का मूल्यांकन, उसमें बिजली, पानी से संबंधित हादसों को रोकने के लिए पूर्व नियोजन, आयोजन के दौरान दिये जाने वाले भोज का भी फूड सेफ्टी असेस्मेंट निर्धारित किया जायेगा, साथ ही बड़े आयोजन के लिए आयोजन स्थल तक पहुँचने का एक पूर्व निर्धारित ट्रेफिक प्लान भी बनाया जायेगा। इन उपरोक्त सभी संदर्भों के लिए एक कांपिटेंट अथॉरिटी (सक्षम प्राधिकारी) का गठन किया जायेगा।

इसके साथ प्रत्येक जिले में कम्युनिटी इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा। जिसके तहत लोगों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा जिससे आपदा के समय वे तत्काल स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर मदद के लिए उपलब्ध हो सकें।
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