• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Congress fears cross voting in presidential election
Written By Author विकास सिंह
Last Modified: गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (08:30 IST)

राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर, आदिवासी विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती

कांग्रेस समर्थित विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज राजधानी भोपाल में कांग्रेस विधायकों से करेंगे मुलाकात

राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर, आदिवासी विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती - Congress fears cross voting in presidential election
भोपाल। राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस समर्थित विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज राजधानी भोपाल में है। यशवंत सिन्हा बुधवार देर रात भोपाल पहुंचे और उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकत की। आज यशवंत सिन्हा कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होकर अपने लिए समर्थन मांगेंगे।
 
क्रॉस वोटिंग को रोकने के लिए व्हिप-राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में क्रॉस वोटिंग का डर अब कांग्रेस को  सताने लगा है। 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी करने जा रही है। पार्टी व्हिप जारी कर अपने 96 विधायकों को यूपीए प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट करने के लिए निर्देशित करेगी। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी ट्रिपल लाइन व्हिप जारी कर विधायकों को यह सीधा संदेश देने की तैयारी में है कि अगर उन्होंन यूपीए प्रत्याशी के पक्ष में वोट नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आदिवासी विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती- NDA की ओर से आदिवासी समाज से आने वाली द्रौपदी मूर्मु को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती बढ़ गई है। द्रौपदी मूर्मु के जरिए भाजपा खुद को आदिवासी हितैषी बताते हुए कांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिश में भी जुटी हुई दिखाई रही है। भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों को आदिवासी विधायकों को राष्ट्रपति चुनावों में अपने खेमे में लाने की जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। पार्टी के सीनियर आदिवासी नेताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
 
भाजपा कांग्रेस के आदिवासी विधायकों से संपर्क कर उनको आदिवासी उम्मीदवार दौपद्री मूर्मु के समर्थन में वोट करने की अपील कर रहे है। ऐसे में कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने 28 आदिवास विधायकों को एकजुट रखने की है। ‘वेबदुनिया’ से बातचीत में कांग्रेस के मालवा-निमाड़ से आने वाले युवा आदिवासी विधायक ने कहा भाजपा की अपील पर नहीं वह अपने मन से राष्ट्रपति चुनाव में वोट करेंगे। 

भाजपा द्रौपदी मूर्मु के चेहरे के सहारे आदिवासी वोटर में गहरी पैठ रखने वाले आदिवासी संगठन को भी अपनी ओर लाना चाह रही है और वह इस कोशिश में लगातार जुटी हुई भी है। दरअसल भाजपा की कोशिश है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के जरिए आदिवासी संगठन में सेंध लगा पाए जिसका फायदा उसको 2023 के विधानसभा चुनाव में मिले।
 
ये भी पढ़ें
अमेरिका में महंगाई की मार, मुद्रास्फीति 41 साल के सर्वोच्च स्तर पर