मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महीने के कार्यकाल में लोकप्रियता की चुनौती पर खरे साबित होने के साथ ब्यूरोक्रेसी को दिया सख्त संदेश
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार आज एक महीने पूरे कर रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद 11 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए और 13 दिसंबर को भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
मध्यप्रदेश की बागडोर संभालने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जहां एक ओर ताबड़तोड़ फैसले लेकर ब्यूरोक्रेसी को सीधा संदेश दिया वहीं सरकार के स्तर पर बड़े फैसले लेकर लोकप्रियता की चुनौती पर खरे साबित होने के साथ प्रदेश में नई सरकार आने के भी संकेत दिए। शपथ लेने के चंदे घंटों के अंदर हुई पहली कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़े फैसले लेते हुए प्रदेश में खुले में बिना अनुमति मांस तथा मछली की बिक्री पर रोक लगाने के साथ धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर निर्धारित मापदण्ड से ज्यादा के लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाकर नई सरकार किस रोडमैप पर चलेगी इसके साफ संकेत दे दिए।
वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर प्रदेश में बडे पैमाने पर आयोजन के साथ अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत सरकार की ओर से करने का फैसला लेकर सरकार की नीति पर और नियत के भी एकदम से साफ कर दिया।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रशासन में कसावट लाने के अपने सख्त निर्णयों से ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव करने के साथ फील्ड में तैनात अफसरों पर सख्त कार्रवाई कर प्रशासन में जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर सख्त संदेश दे दिया। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से शाजापुर कलेक्टर को एक ट्रक ड्राइवर के साथ बदजुबानी करने पर कुछ घंटों के अंदर हटाकर सीधा संदेश दिया वहीं गुना में बस हादसे के बाद जिलों में तैनात अफसरों से लेकर परिवहन आयुक्त और प्रमुख सचिव तक के अफसरों को तक को हटाया है उससे उन्होंने एक सख्त प्रशासन की छवि बनाई है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सीएम सचिवालय में तैनात अफसरों से लेकर राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर सहित 9 जिलों के कलेक्टर में बदलाव कर नई सरकार में नई टीम का गठन करने के संकेत दे दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार ने बीते एक महीने में 45 IAS अफसरों और 11 IPS अफसरों के तबादले करने के साथ मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अफसरों को बदलने के साथ सरकार की छवि चमकाने वाले विभाग जनसंपर्क आयुक्त पद संदीप यादव की तैनाती कर अपनी नई टीम का गठन कर दिया है।
जमीनी स्तर पर मैदान अफसरों को नई सरकार का संदेश देने के लिए संभागों की समीक्षा बैठक करने के साथ काम में लापरवाही करने वाले अफसरों को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर सीधे लूप लाइन में भेज दिया। इसके साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संभाग मुख्यालय में कैबिनेट की बैठक का आयोजन कर अफसरों को सीधा संदेश दे दिया। अब तक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के साथ जबलपुर में कैबिनेट बैठक करने के साथ मकर संक्राति पर उज्जैन में कैबिनेट की बैठक करने जा रहे है।
दरअसल मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री डॉ़ मोहन यादव लगाकर एक्शन मोड में नजर आ रहे है। एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. मोहन यादव सरकार बनते ही मध्य प्रदेश में एक बार फिर बुलडोजर चला है. बीजेपी कार्यकर्ता की हथेली काटने वाले के घर पर बुलडोजर चलाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जहां अपनी सरकार की प्राथमिकता तय कर रहे है वहीं केंद्र की मोदी सरकार को प्रदेश में तेजी से लागू कर डबल इंजन की सरकार पर सख्त संदेश दे रही है। जबलपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न-कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।
भले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार ने अपने एक महीने के कार्यकाल में कई उपलब्धियां दर्ज की हो लेकिन सरकार की अग्निपरीक्षा अगले तीन महीनों में होनी है, जब प्रदेश में लोकसभा चुनाव होने है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य तय किया है, ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सरकार की लोकप्रियता को जनता की कसौटी पर खरा पाने की चुनौती है।