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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: मंगलवार, 16 मई 2023 (17:54 IST)

मंदिर के पुजारियों को शिवराज सरकार की सौगात, कैबिनेट ने नई रेत नीति को भी मंजूरी

मध्यप्रदेश में SC वर्ग के बच्चों के स्कॉलरशिप की सीमा 6 से 8 लाख हुई

मंदिर के पुजारियों को शिवराज सरकार की सौगात, कैबिनेट ने नई रेत नीति को भी मंजूरी - Big decisions of Shivraj cabinet in Madhya Pradesh
madhya pradesh cabinet decision: मध्यप्रदेश में चुनावी साल में भाजपा अब हिंदुत्व की राह पर आगे बढ़ती दिख रही है। राज्य में प्रमुख धर्मिक स्थलों को भव्य रुप देने के साथ अब सरकार ने मंदिर के पुजारियों को बड़ी सौगत दी है। मंगलवार को हुई शिवराज कैबिनेट ने प्रदेश के शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए निर्णय लिया है कि ऐसे मंदिरों जिनकी कृषि भूमि 10 एकड़ है, तो उससे होने वाली आय का उपयोग खुद पुजारी कर सकेंगे। वहीं 10 एकड़ से अधिक मंदिर की भूमि को नीलाम करने के साथ नीलामी से प्राप्त होने वाली आय मंदिर के खाते में जमा करायी जाएगी।
 
इसके साथ कैबिनेट की बैठक में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए वार्षिक आय सीमा 6 लाख से बढ़ा कर 8 लाख रूपये करने का निर्णय लिया गया। सरकार  का दावा है कि आय सीमा में वृद्धि से अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के व्यापक अवसर प्राप्त हो सकेंगे। वहीं कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 41 हजार 923 करोड़ रूपये से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
 
इसके साथ कैबिनेट की बैठक में नई रेत नीति को मंजूरी दी गई। नई रेत नीति के तहत  प्रदेश में 44 जिलों के रेत समूहों का "ई-निविदा" के स्थान पर "ई-निविदा-सह-नीलामी" प्रक्रिया से समूहवार ठेके का आवंटन किया जाएगा। वहीं अब ठेके की अवधि तीन वर्ष की होगी। वहीं राज्य खनिज निगम वैधानिक अनुमतियाँ (माइनिंग प्लान / पर्यावरण अनुमति / जलवायु सम्मति आदि) प्राप्त की जायेंगी। निविदा में सफल एम.डी.ओ. (माईन्स डेवलपर कम ऑपरेटर), कलेक्टर एवं निगम के बीच त्रि-पक्षीय अनुबंध का निष्पादन किया जायेगा। ठेका राशि की देयता त्रैमासिक के स्थान पर मासिक किश्त के रूप में और ठेका राशि में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रति वर्ष जुलाई के स्थान पर ठेका संचालन का 1 वर्ष पूर्ण होने पर की जायेगी।
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