'सोलो- वंडर हर्ब ऑफ़ लद्दाख' का इंटरनेशनल साइंस फ़िल्म फेस्टिवल में चयन
अंकन फिल्म्स, इंदौर द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री 'सोलो- वंडर हर्ब ऑफ़ लद्दाख' का चयन 10 से 13 दिसंबर को गोवा में आयोजित होने जा रहे इंटरनेशनल साइंस फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI - 2021) के लिए किया गया है।
यह फिल्म लद्दाख के बर्फीले पहाड़ों क्षेत्रों में पाए जाने वाले सोलो पौधे पर केंद्रित है, जिसे लद्दाख की संजीवनी भी कहा जाता है।
यह फिल्म विज्ञान, पर्यावरण व स्वास्थ्य वर्ग में चयनित की गई है। अंकन फिल्म्स द्वारा विज्ञान प्रसार के लिए निर्मित की गई इस फिल्म का निर्देशन मिथुन श्रोत्रिय ने किया है, फिल्म की शूटिंग कोरोना काल के दौरान लेह लद्दाख की खूबसूरत किंतु दुर्गम लोकेशन्स पर की गई है।
हिमालय की ऊंची चोटियों में जहां जीवन को बनाए रखना अपने आप में एक चुनौती है, भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें एक ' वंडर हर्ब' मिला है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को विनियमित कर सकती है, पहाड़ के वातावरण के अनुकूल होने में मदद कर सकती है और सबसे बढ़कर रेडियोधर्मिता से रक्षा करती है।
ठंडी और पहाड़ी जलवायु में पाई जाने वाली जड़ी-बूटी रोडिओला ने भारत के प्रमुख वैज्ञानिकों को आश्चर्य चकित कर दिया है कि क्या यह संजीवनी की खोज का अंत है।
लद्दाख में स्थानीय रूप से इसे सोलो कहा जाता है, रोडियोला के गुण अब तक काफी हद तक अज्ञात थे। पौधे के पत्तेदार हिस्सों का उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा सब्जी के रूप में किया जाता था। आज, यह व्यापक रूप से अपने कई स्वास्थ्य लाभ के लिए एक आहार पूरक के रूप में प्रयोग किया जाता है। तो आइए देखें, कैसे यह अद्भुत पौधा हमारे भविष्य के लिये वरदान है।