आचार्य विजयरत्न जी ने कहा, शिक्षा और मीडिया से सब कुछ बदला जा सकता है...
इंदौर। जैन संत आचार्य विजयरत्नसुंदर जी ने कहा कि आज के समय में तुलना और प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण सहयोग की भावना खत्म होती जा रही है। सत्ता, शिक्षा और मीडिया द्वारा सब कुछ बदला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए सरकार व शिक्षा को जितना समय लगता है, उससे कम समय में समाज में बदलाव लाने की क्षमता मीडिया में होती है। समाज में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है मीडिया। उन्होंने कहा कि मैं चार महीने में 14 लोगों में परिवर्तन लाऊंगा, वहीं मीडिया के माध्यम से एक रात में 14 हजार लोगों में परिवर्तन लाया जा सकता है।
आचार्यश्री ने कहा कि हम कैरेक्टर को छोड़कर करियर को महत्व देने में लगे हैं, जबकि हमें नई पीढ़ी के कैरेक्टर की तरफ ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व सुंदरी बनने के लिए कपड़े उतारने पड़ते हैं। क्या यही कैरेक्टर है? उन्होंने कहा कि समाज अच्छा बनाने के लिए अच्छी सोच भी देनी होगी, अच्छे विचार देने होंगे।
सीता और लक्ष्मण के प्रसंग के माध्यम से आचार्यश्री ने बताया कि लक्ष्मण द्वारा खींची गई रेखा सीता के लिए रेस्ट्रिक्शन नहीं थी, बल्कि प्रोटेक्शन थी। अत: सबको इन दोनों में अंतर समझना होगा।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से पोर्न वेबसाइट के चलन ने हमारे देश के माहौल को गंदा किया है। सरकार को इसके साथ ही चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर रोक लगाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पोर्न वेबसाइट पर पाबंदी के लिए उन्होंने पिटीशन लगा रखी है। आचार्यश्री ने कहा कि इसे प्रतिबंधित किया जा सकता है, लेकिन इच्छाशक्ति होनी चाहिए।