शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2023
  2. विधानसभा चुनाव 2023
  3. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
  4. Who will be the Chief Minister of Madhya Pradesh
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 6 दिसंबर 2023 (17:56 IST)

नरेंंद्र सिंह तोमर सहित 5 सांसदों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर बढ़ा सस्पेंस

नरेंंद्र सिंह तोमर सहित 5 सांसदों के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर बढ़ा सस्पेंस - Who will be the Chief Minister of Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर सस्पेंस और बढ़ गया है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल सहित मध्यप्रदेश के 5 सांसदों जिन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी उनके संसद सदस्यता से इस्तीफा देने के  बाद दिल्ली से लेकर राजधानी भोपाल तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक गलियारों में यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हो गया है कि नई सरकार में इन सांसदों की क्या भूमिका होगी।

नरेंद्र सिंह तोमर की क्या होगी भूमिका?-सबसे अधिक चर्चा मोदी सरकार में सीनियर मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लेकर है। मध्यप्रदेश में चुनाव अभियान सीमित के अध्यक्ष के तौर पर भाजपा को प्रचंड़ जीत दिलाने में अहम रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले नरेंद्र सिंह तोमर की प्रदेश की राजनीति में क्या भूमिका होगी इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद  नरेंद्र सिंह तोमर का नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे है। ऐसे में क्या पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नरेंद्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपेगी, यह बड़ा सवाल है।

वहीं अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए नरेंद्र सिंहं तोमर को प्रदेश में पार्टी संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का अध्यक्षीय कार्यकाल खत्म हो चुका है, ऐसे में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें जिम्मेदारी सौंप सकता है। नरेंद्र सिंह एक कुशल संगठनकर्ता होने के साथ दो बार मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है।

प्रहलाद सिंह पटेल की भूमिका को लेकर भी सवाल?- सांसदी से इस्तीफा देने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में है। नरसिंहपुर विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीते प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश में ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में शामिल है। प्रहलाद सिंह पटेल उस महाकौशल क्षेत्र से आते है जिससे अब तक प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं बना है। लोकसभा चुनाव में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रहलाद सिंह पटेल पर अपना दांव लगा सकती है।

इसके साथ ही जातिगत समीकरण को साधने के लिए पार्टी अगर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाती है तो ओबीसी वर्ग से आने वाले प्रहलाद सिंह पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर जातिगत समीकरण को साध सकती है। वहीं अगर शिवराज सिंह चौहान फिर मुख्यमंत्री बनते है तो प्रहलाद पटेल को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

शिवराज का नाम सबसे आगे-मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने की रेस में अब तक सबसे आगे है। अगर शिवराज सिंह चौहान का नाम भाजपा के सभी दिग्गजों पर भारी पड़ रहा है तो इसकी एक नहीं कई वजह है। प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के पीएम मोदी के साथ सीएम शिवराज सबसे बड़े शिल्पकार है। भाजपा ने भले ही पीएम मोदी के नाम पर विधानसभा चुनाव लड़ा हो लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना योजना भाजपा की प्रचंड जीत में सबसे अहम भूमिका है। 

ऐसे में जब अगले साल लोकसभा चुनाव है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय चेहरे है तब इसकी संभावना बहुत अधिक है कि शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की बागडोर संभाल सकते है। बुधवार को छिंदवाड़ा पहुंचकर शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा चुनाव के लिए मिशन-29 का आगाज कर इस बात के संकेत भी दे दिए है कि अब लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतना उनका पहला लक्ष्य है।

हलांकि एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि वह ना पहले मुख्यमंत्री के दावेदार में कभी रहे और न आज मुख्यमंत्री पद के दावेदार में है। शिवराज ने कहा कि वह एक कार्यकर्ता है और पार्टी ने जब जो काम दिया उस काम को पूरी प्रामणिकता, ईमानदारी और अपने पूरे समाथर्य के साथ काम को पूरा करने का प्रयास किया। मैं मुख्यमंत्री का दावेदार ना तो पहले कभी रहा और ना आज हूं। मैं एक कार्यकर्ता के नाते भाजपा जो भी काम देगी उसको समर्पित भाव से करता रहूंगा। मोदी हमारे नेता है और उनके साथ काम करने हमेशा गर्व का अनुभव किया है।
 
ये भी पढ़ें
राजस्थान में बालकनाथ CM, दीया कुमारी और किरोड़ी मीणा डिप्टी सीएम?