क्या इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका देंगे जयंत चौधरी, पश्चिम यूपी में RLD क्यों है जरूरी?
Jayant Chaudhary news in hindi : पश्चिमी उत्तरी प्रदेश में बड़ी ताकत माने जाने वाले राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी के भाजपा से संपर्क में होने की खबरों से इंडिया गठबंधन में हलचल तेज हो गई है। मीडिया खबरों में कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी भाजपा के नेतृत्व वाले राजग (NDA) के साथ आ सकते हैं तो सपा नेताओं का मानना है कि वे साथ छोड़कर नहीं जाएंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 47 सीटों में से 12 सीटों पर रालोद का खासा प्रभाव है। इसी कारण INDIA और NDA दोनों ही गठबंधन रालोद का साथ चाहते हैं। रालोद जिस गठबंधन में रहेगा उसका पलड़ा यहां भारी हो जाएगा।
क्या है मामला : कहा जा रहा ही कैराना, बिजनौर और मुजफ्फरनगर सीट को लेकर रालोद सपा से नाराज है। इसमें सपा ने अपना प्रत्याशी और चुनाव चिह्न रालोद का रखने की शर्त रखी है। रालोद ने इस स्थिति में अपनी सीटें बढ़ाने की बात रखी है। इधर भाजपा भी मिशन 80 को आगे बढ़ाने के लिए पश्चिम यूपी में रालोद के साथ गठबंधन करना चाहती है।
2019 में कैसा था रालोद का प्रदर्शन : साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद ने सपा के साथ मिलकर 3 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसका खाता भी नहीं खुला। हालांकि सपा ने बाद में जयंत सिन्हा को अपने कोटे से राज्यसभा भेज था।
क्या है इंडिया के लिए परेशानी की वजह : इंडिया गठबंधन के लिए पहल करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हाल ही में महागठबंधन से अलग होकर NDA में शामिल हो गए। इस झटके से इंडिया गठबंधन अभी तक उबर नहीं पाया है। इधर बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के संबंधों में भी तल्खी नजर आ रही है। ऐसे में अगर जयंत चौधरी भी साथ छोड़ देते हैं तो गठबंधन के लिए यह करारा झटका होगा।
क्या है सपा का कहना : भाजपा के रालोद से नजदीकी बढ़ाने और उत्तर प्रदेश में 5 सीटों की पेशकश की चर्चाओं के बीच समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी कहते हैं कि रालोद के साथ हमारा सात सीटों पर समझौता हो चुका है। उन्होंने कि राज्यसभा में भी सपा ने जयंत चौधरी को भेजा है। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआइए की बैठकों में भी जयंत शामिल होते रहे हैं। ऐसे में सपा के साथ नाराजगी का तो कोई प्रश्न नहीं उठता है।
Edited by : Nrapendra Gupta