Lok Sabha Election 2024 : इंदौर में 13 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में निवर्तमान सांसद व भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार शंकर लालवानी और कांग्रेस समर्थित नोटा के बीच दिलचस्प भिड़ंत पर सियासी विश्लेषकों की निगाहें टिकी हुई हैं। कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ में नहीं है।
कांग्रेस ने स्थानीय मतदाताओं से अपील की है कि वे "भाजपा को सबक सिखाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का बटन दबाएं।
भाजपा का पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर कब्जा है जहां पार्टी ने इस बार कम से कम आठ लाख वोट के अंतर से जीत का दावा किया है।
भाजपा उम्मीदवार लालवानी ने रविवार को पीटीआई से कहा,नोटा के पक्ष में कांग्रेस का आह्वान प्रजातंत्र के खिलाफ है। कांग्रेस ने इंदौर में अपनी दुर्गति से बौखलाकर यह आह्वान किया है। इंदौर में मेरे समेत कुल 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। मतदाताओं को जो उम्मीदवार सबसे अच्छा लगे, वे उसे वोट दें।
उन्होंने कहा,नोटा (चुनाव में सबसे अधिक मत हासिल करने के बाद भी) कोई सड़क, रेलवे स्टेशन या अस्पताल नहीं बनवा सकता। कांग्रेस को चाहिए था कि वह इंदौर में किसी उम्मीदवार को अपना समर्थन देती।
बम के मैदान से हटने के बाद भी लालवानी ने अपना जनसंपर्क लगातार जारी रखा और इंदौर के औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाने, यातायात व्यवस्था में सुधार और अगले 20 साल में आशंकित जलसंकट से निपटने की योजना बनाने के वादों के साथ मतदाताओं से समर्थन मांगा।
प्रदेश कांग्रेस समिति के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने बम के ऐन मौके पर पाला बदलने का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर में पार्टी के साथ "विश्वासघात" किया गया और स्थानीय चुनावी हालात के लिहाज से नोटा नकारात्मक विकल्प कतई नहीं है।
उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा,इंदौर के संदर्भ में नोटा वह झन्नाटेदार तमाचा है जो अलोकतांत्रिक लोगों के गाल पर पड़ना ही चाहिए।
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र में सोमवार को होने वाले चुनाव के लिए 2,677 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें करीब 500 संवेदनशील केंद्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 75 प्रतिशत मतदान केंद्र सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे।
इंदौर, मतदाताओं की तादाद के लिहाज से सूबे में सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र है। इस सीट पर 25.27 लाख मतदाता 14 उम्मीदवारों का भविष्य तय करेंगे जिनमें नौ निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।
इंदौर में 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान 69 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। तब इस सीट पर 5,045 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना था। भाषा