सत्ता में वापसी होने पर मोदी 3.0 सरकार संसद के पहले सत्र में इन 3 मुद्दों पर उठा सकती है बड़ा कदम!
2019 में केंद्र में दूसरी बार सत्ता में वापस आने के बाद मोदी सरकार ने संसद के पहले सत्र में ट्रिपल तलाक और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर सभी को चौंका दिया था। ऐसे में अब जब लोकसभा चुनाव के केवल आखिरी चरण की वोटिंग बाकी है और चार जून को सात चरणों में हुए चुनाव के नतीजे आएंगे। चुनाव नतीजे भले ही चार जून को आएंगे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अपनी चुनावी रैलियों और इंटरव्यू में सत्ता में वापसी का दावा करते हुए मोदी 3.0 सरकार के एजेंडे को साफ कर रहे है।
ऐसे में अगर केंद्र में मोदी 3.0 की सरकार बनती है तो उसके एजेंडे में क्या होगा,अब यह चर्चा के केंद्र में आ गया। क्या मोदी सरकार सत्ता में वापसी करने के साथ अपने दूसरे कार्यकाल की तरह संसद के पहले सत्र में कोई बड़ा फैसला कर सकती है, यह भी अब चर्चा केंंद्र में है। आइए समझते है कि ऐसे तीन वह क्या प्रमुख मुद्दे है जिस पर मोदी सरकार सत्ता में वापसी करने पर बड़ा फैसला कर सकती है।
समान नागरिक संहिता हो सकता है लागू-सत्ता में वापसी करने पर नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में देश में समान नागरिक संहिता लागू कर सकती है। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक इंटरव्यू में साफ किया है भाजपा के सत्ता में आने पर पांच साल के अंदर पूरे देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लेकर काफी चर्चा थी। इसके लेकर भाजपा सांसद प्राइवेट मेंबर बिल भी लेकर आए थे। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए केंद्र सरकार को सही कदम उठानेके निर्देश थे। ऐसे में अगर मोदी सरकार की सत्ता में वापसी होती है तो समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा।
एक राष्ट्र-एक चुनाव होगा लागू!- मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में एक राष्ट्र-एक चुनाव पर भी आगे बढ़ती हुई दिखाई देगी। खुद गृहमंत्री अमित शाह ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि मोदी सरकार अपने अगले कार्यकाल में एक राष्ट्र, एक चुनाव को भी लागू करेगी क्योंकि देश में एक साथ चुनाव कराने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव को लागू करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में एक राष्ट्र-एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, ऐसे में अब संभावना है कि अगर मोदी 3.0 सरकार सत्ता में वापसी आती है तो एक राष्ट्र-एक चुनाव को लेकर संसद में विधेयक ला सकती है।
जनसंख्या नियंत्रण कानून पर विधेयक संभव-सत्ता में वापसी करने पर मोदी 3.0 सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून पर आगे बढ़ सकती है। जनसंख्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में अपने सरकार के रूख को कई बार साफ किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2019 के दिए अपने भाषण में देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा था कि भारत में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए संकट पैदा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया था। ऐसे मे अब अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा सरकार की वापसी होती है तो निश्चित तौर पर जनसंख्या नियंत्रण कानून अमलीजामा पहनते हुए नजर आएगा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संघ भी मोदी सरकार के साथ है। मोदी 3.0 सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को लाकर संघ के एक और एजेंडे को पूरा कर सकते है। दरअसल जनसंख्या नियंत्रण नीति सरकार के एजेंडे में सबसे उपर है। संघ में दो नंबर सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने लोकसभा चुनाव से पहले देश में सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बनाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि देश में जनसंख्या विस्फोट चिंताजनक है। इसलिए इस विषय पर समग्रता से व एकात्मता से विचार करके सब पर लागू होने वाली जनसंख्या नीति बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है। भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है।