लोकसभा चुनाव में BJP-RSS के समन्वय पर सवाल, बोले जेपी नड्डा, अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम
लोकसभा चुनाव में आज पांचवें चरण का मतदान हो रहा है। लोकसभा चुनाव में इस बार मतदान प्रतिशत काफी चर्चा के केंद्र में है। इस बार लोकसभा चुनाव के शुरुआती चरणों में कम मतदान हुआ है। कम मतदान के पीछे भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं की उदासीनता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पहले के तरह इस चुनाव में एक्टिव नहीं होना है।
कहा जाता है भाजपा के लिए आरएसएस जो जमीन पर काम करता है, उसका फायदा भाजपा को चुनाव में होता है, लेकिन इस बार संघ वैसा एक्टिव नहीं रहा है जैसा वह 2014 और 2019 मे था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आपसी समन्वय पर इस बार कई सवाल उठे।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अब लगातार आरएसएस और भाजपा के समन्वय पर बोल रहे है। इस बीच अपने एक इंटरव्यू में जेपी नड्डा ने आरएसएस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार बढ़ रही है और अब यह उस स्थिति से विकसित हो चुकी है,जहां उसे आरएसएस की जरूरत थी। अब भाजपा अपने दम पर सक्षम है और अपना काम खुद चलाती है।
एक अग्रेजी समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और मौजूदा समय में काफी कुछ बदल चुका है। इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है। पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं।
इंटरव्यू के दौरान जब भाजपा अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है. इस पर नड्डा ने कहा, “देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं। आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। यह जरूरत का सवाल नहीं है, यह एक वैचारिक मोर्चा है, वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम अपना। हम अपने मामलों को अपने तरीके से मैनेज कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए।
उद्धव ठाकने का कसा तंज-भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आरएसएस को लेकर दिए बयान से वह अब विरोधियों के निशाने पर आ गए है। उद्धव ठाकरे ने चुनावी सभा में जेपी नड्डा के बयान का हवाला देते हु कहा कि भाजपा तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने शिवसेना का उपयोग कर उसे फेंक दो की नीति पर काम किया, वही खेल भविष्य में आरएसएस के साथ खेला जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने तंज कसते हुए कहा कि आरएसएस के सभी कार्यकर्ता नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। ऐसे में आप आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की योजना क्यों बना रहे हैं, जिसने आपको राजनीतिक ताकत दी।