भव्य जीत के बाद पहली बार गृह प्रदेश पहुंचे मोदी, मां से लिया आशीर्वाद
गांधीनगर। लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम अपने गृह राज्य गुजरात के पहले दौरे पर पहुंचे और इसके बाद वयोवृद्ध माता हीराबा से आशीर्वाद लिया।
मोदी ने अपने छोटे भाई पंकज मोदी के साथ यहां रायसण इलाके में रहने वाली मां से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। वे काफी देर तक मां के पास रहे। इससे पहले वे 23 अप्रैल को भी मां से मिलने गए थे।
रायसण इलाके में बड़ी संख्या में मोदी की एक झलक पाने के लिए लोग एकत्र हुए थे लेकिन मोदी व्यक्तिगत रूप से किसी से नहीं मिले। कई लोग जो मोदी को लिए उपहार लाए थे, उन्हें निराश लौटना पड़ा।
इससे पहले अहमदाबाद में एक सभा में उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर दोबारा शपथ लेने से पहले मां का आशीर्वाद लेना चाहते हैं। ऐसी इच्छा हर संतान की होती है।
इससे पूर्व अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर मोदी का राज्यपाल ओपी कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, गुजरात भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने स्वागत किया। उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी उपस्थित थे।
हवाई अड्डे से यहां खानपुर स्थित जेपी चौक तक की यात्रा की दौरान सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उनका अभिवादन किया। हालांकि पिछले दिनों सूरत में हुए एक अग्निकांड में छात्रों की दर्दनाक मौत की घटना के मद्देनजर इस दौरान कही भी ढोल-नगाड़े नहीं बजाए गए। उन्होंने फूल मालाएंभी नहीं पहनी।
बाद में उन्होंने अहमदाबाद के जेपी चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया। वह रात्रि विश्राम राजभवन में करेंगे। कल वह वापस नई दिल्ली लौट जाएंगे।
भारत के लिए अगले 5 साल महत्वपूर्ण : अहमदाबाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगले 5 साल वैश्विक व्यवस्था में भारत के यथोचित स्थान को फिर से हासिल करने का समय होगा। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्ष देश के इतिहास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे जैसा कि 1942 से 1947 तक का काल था।
उन्होंने कहा कि अगले 5 साल वैश्विक व्यवस्था में भारत के यथोचित स्थान को फिर से हासिल करने का समय होगा। अतीत में हमारे देश को वह स्थान प्राप्त था। मुझे पक्का विश्वास है कि भारत वैश्विक व्यवस्था में अपना महत्व फिर हासिल करेगा। मोदी ने सूरत बिल्डिंग अग्नि त्रासदी में 22 विद्यार्थियों की मौत पर गहरा दु:ख प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि कल तक मेरे मन में दो स्थिति थी, एकतरफ इस अभिनंदन समारोह में जाऊं या नहीं, क्योंकि वहां कर्तव्य जुड़ा था, दूसरी तरफ उन लोगों के प्रति करुणा थी जिनकी सूरत में मृत्यु हो गई। जिन परिवारों ने इस त्रासदी में अपने बच्चों को खोया है, उनका दर्द कोई भी शब्द कम नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ यह भी था, मुझे कर्तव्य के तौर पर राज्य के लोगों को धन्यवाद देना था और अपनी मां का आशीर्वाद लेना था।