शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. समाचार
  4. Lok Sabha Elections 2019 Shankar Lalwani Social Media indore loksabha seat
Written By विशेष प्रतिनिधि
Last Updated : रविवार, 21 अप्रैल 2019 (22:51 IST)

इंदौर की सियासत में फिर भाई पर भारी पड़ीं ताई, करीबी शंकर लालवानी को टिकट, सोशल मीडिया पर शुरू हुआ विरोध

इंदौर की सियासत में फिर भाई पर भारी पड़ीं ताई, करीबी शंकर लालवानी को टिकट, सोशल मीडिया पर शुरू हुआ विरोध - Lok Sabha Elections 2019 Shankar Lalwani Social Media indore loksabha seat
इंदौर। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने आखिरकार इंदौर लोकसभा सीट पर सस्पेंस खत्म करते हुए शंकर लालवानी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। भाजपा ने शंकर लालवानी के नाम का ऐलान कर कुछ उसी तरह लोगों को चौंकाया जैसे कांग्रेस ने पंकज संघवी के नाम का ऐलान कर चौंकाया था।
 
शंकर लालवानी इंदौर भाजपा के अध्यक्ष के साथ-साथ इंदौर विकास प्रधिकरण के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। लालवानी की गिनती लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के करीबियों में की जाती है। सूत्र बताते हैं कि शंकर लालवानी के लिए सुमित्रा महाजन ने लॉबिंग की थी जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने उनके नाम पर अपनी मोहर लगा दी।
 
इससे एक बार फिर इंदौर की सियासत में ताई सुमित्रा महाजन भाई कैलाश विजयवर्गीय पर भारी पड़ीं। शंकर लालवानी ने टिकट ऐलान होने के बाद वे ताई का आशीर्वाद लेने उनके घर भी पहुंचे।
 
शंकर लालवानी को आशीर्वाद देने के बाद ताई ने उनकी जीत का दावा करते हुए कहा कि पूरी पार्टी शंकर लालवानी के साथ है, वहीं दूसरी ओर शंकर लालवानी के नाम के ऐलान पर कई सवाल पर उठ रहे हैं। 
 
पहला सवाल यह कि अगर पार्टी को शंकर लालवानी को टिकट देना था तो इतना सस्पेंस क्यों बनाया गया। सिंधी समाज से आने वाले शंकर लालवानी ने कांग्रेस उम्मीदवार पंकज संघवी की तुलना में अब तक कोई बड़ा चुनाव नहीं लड़ा है। भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए उन्होंने कहा है कि चुनाव वे नहीं पार्टी संगठन लड़ेंगे।
 
पंकज संघवी से होगा कड़ा मुकाबला : इंदौर में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार पंकज संघवी से होगा। अगर इंदौर के सियासस समीकरण की बात करें तो 30 साल से इंदौर सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है और ये सीट भाजपा के गढ़ के रूप में पहचानी जाती है। 
 
इंदौर से वर्तमान सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को इस बार पार्टी ने एज क्राइटेरिया के कारण टिकट नहीं दिया था। इसके बाद भाजपा की तरफ से टिकट के कई दावेदार समाने आए थे। 
 
अगर दिंसबर में हुए विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इंदौर लोकसभा में आने वाली 8 विधानसभा सीटों पर इस समय चार पर कांग्रेस का कब्जा है और जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट दो विधायक कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। 
 
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पंकज संघवी की जीत तय करने के लिए अपने तीन मंत्रियों को इंदौर की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ इंदौर लोकसभा सीटों में आने वाली तीन ग्रामीण वोटरों के बाहुल्य वाली विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे मे भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी के लिए राह आसान नहीं होगी।
 
टिकट के ऐलान के साथ विरोध शुरू : इधर भाजपा की ओर से शंकर लालवानी के नाम के ऐलान के साथ ही उनके विरोध होने की खबरें भी सामने आने लगी हैं।
 
सोशल मीडिया पर इंदौर पर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शंकर लालवानी के विरोध में मुहिम शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट में मोदी से बैर नहीं, लालवानी तेरी खैर नहीं जैसी पोस्ट लिखी जाने लगी।
ये भी पढ़ें
श्रीलंका में सिलसिलेवार 8 बम धमाकों में 215 लोगों की मौत, मृतकों में तीन भारतीय