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Last Updated : बुधवार, 22 मई 2019 (18:04 IST)

EVM पर घमासान, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोशल मीडिया पर विपक्ष से पूछे 6 सवाल

EVM पर घमासान, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोशल मीडिया पर विपक्ष से पूछे 6 सवाल - Lok Sabha Elections 2019 evm bjp President Amit Shah ask 6 questions
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले EVM पर घमासान मचा हुआ है। विपक्ष लगातार EVM की सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहा है। इस बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 22 विपक्षी पार्टियां हार की बौखलाहट में ऐसा कर रही हैं। शाह ने सोशल मीडिया में विपक्ष पर 6 सवाल भी दागे हैं।
 
पहला सवाल : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष से पूछा है कि EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में जीत प्राप्त की है। अगर उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता की कमान क्यों संभाली? जब आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 70 में से 67 सीटों पर विजय प्राप्त की और हाल के 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 4 राज्यों में सरकार बनाई तब तो हमने EVM पर प्रश्न नहीं उठाए। तो क्या यह माना जाए कि जब विपक्ष की विजय हो तो उन्होंने चुनाव जीता और जब हार हो तो उन्हें EVM ने हरा दिया?
 
दूसरा सवाल : शाह ने अपने दूसरे सवाल में लिखा है कि देश की सर्वोच्च अदालत ने 3 से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वीवीपैट को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं? 
 
तीसरा सवाल : शाह ने सोशल मीडिया पर तीसरे सवाल में लिखा कि मतगणना के सिर्फ 2 दिन पहले 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पूर्णत: असंवैधानिक है, क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना संभव नहीं है।
 
चौथा सवाल : बीजेपी अध्यक्ष ने चौथे सवाल में लिखा है कि विपक्ष ने EVM पर हंगामा 6 चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एग्जिट पोल के बाद यह और तेज हो गया। एग्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछकर किया जाता है। इस तरह एग्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते हैं?
 
पांचवां सवाल : शाह ने पूछा है कि EVM में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था, लेकिन उसे किसी ने स्वीकार नहीं किया। शाह ने यहां वीवीपैट का भी जिक्र किया जिसके आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?
 
छठा सवाल : अपने छठे सवाल में शाह ने उपेंद्र कुशवाह पर निशाना साधते हुए लिखा कि कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और 'खून की नदियां बहाने' जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं।
 
शाह ने पूछा कि विपक्ष ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान द्वारा किसे चुनौती दे रहा है? शाह ने लिखा कि चुनाव का जो भी परिणाम आए, उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यह देश के 90 करोड़ मतदाताओं का जनादेश होगा।
 
शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर सारे देश में मतदान पूरी तरह शांतिपूर्वक हुआ। 
भारत के लोकतंत्र का इतिहास है कि 1977 से 2014 के सभी आम चुनावों में भारी परिवर्तन शांतिपूर्वक हुए जिससे देश के लोकतंत्र पर सारे विश्व की आस्था मजबूत हुई और देश का गौरव भी बढ़ा। 
 
अपने निहित स्वार्थ और पराजय को न मानने की मानसिकता के कारण विपक्ष चुनाव आयोग और देश के लोकतंत्र की छवि को धूमिल कर रहा है।