मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Will Yamuna be clean by 2025?
Written By DW
Last Updated : सोमवार, 22 नवंबर 2021 (16:56 IST)

क्या 2025 तक साफ हो पाएगी यमुना, क्या दिल्ली सरकार होगी कामयाब?

क्या 2025 तक साफ हो पाएगी यमुना, क्या दिल्ली सरकार होगी कामयाब? - Will Yamuna be clean by 2025?
रिपोर्ट : आमिर अंसारी
 
दिल्ली की सरकार ने 2025 तक यमुना को साफ करने का लक्ष्य बनाया है। नालों का गंदा पानी सीधे यमुना में जा गिरता है और वह लगातार नदी को प्रदूषित कर रहा है।
 
भारत की नदियों का बुरा हाल है। गांव की तो बात छोड़िए, जो नदियां शहर से गुजरती हैं, उनका हाल देख पर्यावरण प्रेमी और नदियों से जुड़े लोग दुखी होते हैं। सरकारी लापरवाही और अधिकारियों की नाकामी का नतीजा है कि नदियां मैली ही होती जा रही हैं। दिल्ली से गुजरने वाली यमुना नदी की जो तस्वीरें पिछले कुछ दिनों में देश और दुनिया में दिखीं, वे हर साल कमोबेश इस दौरान दिख जाती हैं।
 
यमुनोत्री से निकलकर यमुना नदी करीब-करीब 1400 किलोमीटर का सफर तय प्रयागराज के संगम में जा मिलती है। दिल्ली में इस नदी का हाल बहुत बुरा है और कहें तो सबसे ज्यादा प्रदूषित भी। जानकार कहते हैं कि यमुना की यह समस्या सालभर रहती है लेकिन ध्यान सिर्फ छठ के मौके पर जाता है जब श्रद्धालु पूजा के लिए नदी के किनारे इकट्ठा होते हैं।
 
यमुना में प्रदूषण के कारण
 
सबसे बड़ा कारण औद्योगिक प्रदूषण है। यमुना हरियाणा से दिल्ली में दाखिल होती है और राज्य में सोनीपत और पानीपत से औद्योगिक अपशिष्ट नदी में मिलता है। इसी तरह से दिल्ली में जो औद्योगिक ईकाइयां हैं वह भी बहुत हद तक नदी को जहरीला बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
 
कई नाले सीधे में नदी में जा मिलते हैं और उस पानी का ट्रीटमेंट भी नहीं होता है। यह पानी नदी को मटमैला करता है, नदी में झाग बनने लगता है और धीरे-धीरे नदी में अमोनिया का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है जिससे पानी पीने लायक नहीं रहता है।
 
यमुना नदी में अमोनिया की 0.2 पीपीएम (पा‌र्ट्स पर मिलियन) तक की मात्रा को सामान्य माना जाता है। इससे ज्यादा मात्रा होने पर यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है। अगर इंसान एक पीपीपएम या उससे अधिक अमोनिया के स्तर वाले पानी के लंबे समय तक इस्तेमाल करता है तो उसके आंतरिक अंगों को नुकसान हो सकता है।
 
दक्षिण एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर ऐंड पीपल (SANDRP) के समन्वयक हिमांशु ठक्कर कहते हैं यमुना में प्रदूषण का मुद्दा तो पूरे साल का रहता है लेकिन त्योहार के मौसम में यह मुद्दा उछल जाता है। वह कहते हैं कि मानसून के समय ही नदी में पानी ज्यादा होने से प्रदूषण कम हो जाता है।
 
सालों साल यमुना को निर्मल और स्वच्छ करने के वादे किए जाते रहे हैं लेकिन नदी में होने वाला सफेद झाग, सरकारों के सफेद झूठ को हर साल आइना दिखाता है। और यही कारण है कि यह दुनिया में सबसे प्रदूषित नदियों में से एक मानी जाती है। नदी दिल्ली की जरूरत का आधे से अधिक पानी प्रदान करती है, जो इसके निवासियों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। और यह पिछले कुछ वर्षों में गंदा हो गया है क्योंकि प्रदूषण के खिलाफ कानूनों के बावजूद राजधानी के अधिकांश सीवेज, पड़ोसी राज्यों के कृषि कीटनाशक और औद्योगिक अपशिष्ट नदी में मिल जाते हैं।
 
प्रदूषित हवा और प्रदूषित पानी
 
एक ऐसे शहर में जहां पहले से ही दुनिया की सबसे प्रदूषित हवा है, वहां खतरनाक रूप से अस्वस्थ जलमार्ग कई लोगों के लिए चिंता का विषय है। ठक्कर कहते हैं कि जैसे ही दिल्ली में पानी का उपयोग बढ़ता जाता है वैसे ही वेस्ट जेनरेशन बढ़ता जाता है। जैसे ही इंडस्ट्रियल और कमर्शियल पानी का इस्तेमाल बढ़ता है वैसे ही वेस्ट जेनरेशन बढ़ता है।
 
वे कहते हैं कि वास्तव में अपशिष्ट एक संसाधन साबित हो सकता है। ठक्कर के मुताबिक सीवेज को ट्रीट कर एक बड़ा संसाधन जुटाया जा सकता है। साथ ही वे सीवेज ट्रीटमेंट को लेकर सिस्टम को नाकाम बताते हैं और कहते हैं कि 1974 के कानून के मुताबिक सीवेज ट्रीटमेंट और इंडस्ट्रियल वेस्ट का ट्रीटमेंट होना चाहिए जो नहीं हो रहा है और जब नहीं होता है तो कोई जवाबदेही नहीं बनती है।
 
भारत की राजधानी जहां 2 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं, यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। सर्दियां जब आती हैं तो अपने साथ दिल्ली तक खराब हवा ले आती है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने को जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
 
यमुना नदी और राजनीति
 
यमुना पर राजनीति भी खूब होती है। इसी का नतीजा है कि नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 18 नवंबर को कहा कि वह 2025 तक यमुना को साफ कर देंगे। उन्होंने कहा कि मैंने इस चुनाव में वादा किया था कि अगले चुनाव तक हम यमुना साफ कर देंगे। अगले चुनाव से पहले मैं आप सब के साथ यमुना में डुबकी लगाऊंगा।
 
दिल्ली की सरकार ने यमुना की सफाई के लिए एक्शन प्लान का ऐलान किया है। केजरीवाल ने कहा कि युद्ध स्तर पर छह स्तरीय प्लान से यमुना को दिल्ली के अगले विधानसभा चुनाव से पहले साफ कर लिया जाएगा। केजरीवाल का कहना है कि यमुना 70 साल से गंदी है और वह दो दिन साफ नहीं हो सकती है।
 
वहीं कांग्रेस का कहना है कि केजरीवाल प्रदूषण से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं। बीजेपी ने केजरीवाल सरकार से यमुना को साफ करने को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। ठक्कर कहते हैं कि हिन्दू धर्म में नदियों का बहुत ऊंचा स्थान है लेकिन दुर्भाग्य से धर्म और धार्मिक संस्थाएं नदियों के लिए कभी नहीं खड़ी होतीं।
ये भी पढ़ें
क्या प्रधानमंत्री 2024 को लेकर इतने चिंतित हैं?