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Written By DW
Last Modified: शनिवार, 21 अक्टूबर 2023 (07:38 IST)

इसराइली बंधकों के बारे में अब तक क्या पता चला है

israel
Israel Hamas war : इसराइल के बंधकों की स्थिति और भविष्य के बारे में पक्के तौर पर कुछ कहना मुश्किल है लेकिन हाल के कुछ बयानों से आतंकवादी गुट की मंशा के बारे में कुछ बातें सामने आई हैं। हमास ने करीब 200 लोगों को बंधक बनाया है।
 
इसराइली सेना (आईडीएफ) का कहना है कि 199 आम लोग और सैनिकों को हमास ने इस महीने इसराइल पर आतंकी हमले के दौरान बंधक बना लिया। बंधकों का यह नया आंकड़ा सोमवार को आईडीएफ के प्रवक्ता डानियल हागरी ने मीडीया के सामने पेश किया।
 
इससे पहले बंधकों की संख्या 160 बताई गई थी। सोमवार को ही बाद में हमास ने एक वीडियो जारी किया जिसमें सैन्य शाखा के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने इस बात की पुष्टि की कि कम से कम 200 लोग बंधक बनाए गए हैं।
 
इसके साथ ही ओबैदा ने यह भी कहा कि 50 दूसरे लोगों को "दूसरे प्रतिरोधी गुटों ने दूसरी जगहों पर रखा" है। इस बारे में और जानकारी नहीं दी गई।
 
अबू ओबैदा ने यह भी कहा कि गाजा पर इसराइली हवाई हमले में कम से कम 22 बंधक मारे गए हैं। वीडियो में हमास के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि गैर इसराइली बंधक मेहमान हैं जिन्हें "परिस्थिति अनुकूल होने" पर छोड़ दिया जाएगा।
 
इसराइली बंधक कौन हैं?
हमास का टीवी संदेश आने के कुछ ही घंटे पहले उसने एक वीडियो जारी किया जिसमें मिया शेम को दिखाया। शेम 21 साल की फ्रेंच इसराइली महिला है जिसे हमास ने इसराइल पर हमले के दौरान बंधक बना लिया।
 
वीडियो में शेम का उपचार होते देखा जा सकता है। उपचार देने वाले की पहचान नहीं की जा सकी है। इस महिला ने खुद को उसके परिवार के पास पहुंचाने की गुहार लगाई है। 
 
फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने मंगलवार को इस वीडियो की निंदा की। फ्रांस के राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के मुताबिक माक्रों ने कहा है, "निर्दोष लोगों को बंधक बना कर इस तरह से घृणित रूप में दिखाया जाना एक कलंक है।"
 
फ्रेंच राष्ट्रपति ने शेम को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी सरकार सहयोगियों के साथ मिल कर हमास के द्वारा बंधक बनाए गए फ्रेंच लोगों को छुड़ाने की कोशिश में जुटी है।
 
तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फइदान ने सरकारी समाचार एजेंसी एनादोलु से मंगलवार को बातचीत में कहा, "कई देशों ने हमसे जानकारी मांगी है, खासतौर से उनके नागरिकों को छुड़ाने के लिए। हमने बातचीत शुरू की है, खासतौर से हमास की राजनीतिक शाखा से।"
 
इसराइली अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से बंधकों की पहचान के बारे में जानकारी नहीं दी है। हालांकि माना जा रहा है कि इसमें सैनिक, आम लोग, नाबालिग और इसराइल के साथ दोहरी नागरिकता वाले थाईलैंड, जर्मनी और अमेरिका के लोग शामिल हैं।
 
हमास ने लोगों को बंधक क्यों बनाया?
पिछले हफ्ते हमास के हथियारबंध गुट ने गाजा पर बिना आम लोगों को चेतावनी दिए होने वाले इसराइल के हर हमले के जवाब में एक नागरिक बंधक की जान लेने की धमकी दी। हालांकि गाजा पर इसराइल का हमला होता रहा और इस बारे में कोई और घोषणा नहीं हुई।
 
हमास लगातार 6,000 फिलीस्तीनियों की रिहाई की मांग कर रहा है जिन्हें इसराइली जेलों में कैद किया गया है। हमास की राजनीतिक शाखा के पूर्व नेता खालिद मशाल ने सोमवार को सऊदी अरब के अल अरबिया न्यूज चैनल से कहा कि उन के लिए यह इस्राइली जेलों में बंद फिलीस्तीनियों की रिहाई सुनिश्चित कराने का जरिया है।
 
मशाल ने कहा, "इस युद्ध का एक लक्ष्य इसराइली सैनिकों और अधिकारियों को पकड़ने था। हमारे पास कैदियों की अदला बदली के लिए पर्याप्त कैदी हैं।"
 
बंधक बनाने का पुराना इतिहास 
अलग अलग चरमपंथी गुट लंबे समय से लोगों को बंधक बना रहे हैं यह इसराइली अधिकारियों पर दबाव बनाने की एक रणनीति है।  बंधक बनाने की सबसे बड़ी घटना 1972 में म्युनिख ओलंपिक खेलों के समय हुई थी। उस वक्त फिलीस्तीनी चरमपंथी गुटों ने इसराइली ओलंपिक टीम के 11 सदस्यों को बंधक बना लिया था।
 
इन्हें छोड़ने के बदले में इसराइली जेलों में बंद फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा करने की मांग की गई। इस घटना के दौरान खिलाड़ियों को बचाने की कोशिश नाकाम हो गई और सारे बंधक मारे गए।
 
इसी तरह 2011 में इसराइल ने एक इसराइली सैनिक गिलाड शालित की रिहाई के बदले सैकड़ों फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया था। गिलाद शालित को हमास ने अगवा कर पांच साल तक बंधक बनाए रखा।
 
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार गुट फिलीस्तीनी लोगों को कैद करने के लिए इसराइल की अकसर आलोचना करते है। इसी साल जुलाई में फिलीस्तीनी अथॉरिटी में मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की एक स्पेशल रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 1,100 फिलीस्तीनियों को इसराइली जेलों में बिना किसी आरोप या मुकदमे के रखा गया है।
 
संयुक्त राष्ट्र ने इसे "गैरकानूनी" और "अंतराष्ट्रीय अपराध के समान" माना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने हमास के हमलों की निंदा की है और सभी बंधकों को तुरंत छोड़ने की मांग की है।
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