• Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. Pet dog
Written By
Last Updated : गुरुवार, 12 अप्रैल 2018 (11:13 IST)

घर में पालने के लिए कौन सा कुत्ता सही?

घर में पालने के लिए कौन सा कुत्ता सही? | Pet dog
जर्मनी में एक पालतू कुत्ते ने एक सात महीने के बच्चे की जान ले ली। इसके बाद इस सवाल पर चर्चा शुरू हो गई है कि कौन सी ब्रीड के कुत्ते पालना सही है।
 
कुत्तों से बेहद प्यार करने वाले जर्मन इस खबर से सकते में हैं। हेसेन प्रांत में एक पालतू कुत्ते ने सात महीने के बच्चे को काट खाया जिससे उसकी जान चली गई। यानिस नाम के इस बच्चे का अब पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है ताकि मौत के सही कारण का पता चल सके।
 
रिपोर्टों के अनुसार कुत्ते ने घर के लिविंग रूम में बच्चे पर हमला किया और उसके सर पर काटा। बच्चे के 23 साल के पिता ने फौरन एम्बुलेंस बुलाई और बच्चे को मनहाइम शहर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। रिपोर्टों के अनुसार अस्पताल पहुंचने तक बच्चे की हालत गंभीर नहीं थी लेकिन बाद में उसकी स्थिति बिगड़ने लगी।
 
बच्चे के माता पिता ने अब तक सार्वजानिक रूप से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है। दोनों इस हादसे से सदमे में हैं।
 
हमला करने वाले पांच साल के कुत्ते का नाम कोवू है, जिसे फिलहाल पुलिस ने शेल्टर में भेज दिया है। पुलिस कुत्ते की नस्ल के बारे में पता लगा रही है। शुरुआती जांच के बाद पुलिस का कहना है कि उन्हें शक है कि यह स्टेफोर्डशायर टेरियर और एक अन्य नस्ल का मिलाजुला रूप है। ठीक जानकारी आने में अभी एक हफ्ता और लग सकता है।
 
दरअसल स्टेफोर्डशायर टेरियर, पिट बुल कुत्ते की श्रेणी में आता है और इसे हेसेन प्रांत में खतरनाक कुत्तों की सूची में शामिल किया गया है। इसलिए इस तरह का कुत्ता रखने से पहले स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति लेना जरूरी है। मालिक को यह भी साबित करना होता है कि वह इस तरह का कुत्ता पालने में सक्षम है। इस मामले में कुत्ते का पंजीकरण नहीं कराया गया था।
 
पुलिस का कहना है कि उसने लापरवाही के तहत मानव हत्या का मुकदमा दर्ज किया है पर साथ ही यह भी कहा है कि हो सकता है कि यह महज एक दुखद हादसा रहा हो। बच्ची की मौत के बाद स्थानीय मीडिया में इस सवाल को खूब उठाया जा रहा है कि क्या इस तरह की नस्लों को पालने की अनुमति होनी चाहिए और क्या कुत्तों को पालने से पहले मालिकों को किसी तरह की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
 
आईबी/एनआर (डीपीए)
 
ये भी पढ़ें
कहां से आती है राजनीतिक दलों की आमदनी?