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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 27 मार्च 2024 (07:50 IST)

भारत को लेकर मालदीव के तेवर क्यों ढीले पड़े

maldeev president
आमिर अंसारी
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू लंबे समय से भारत विरोधी बयानबाजी कर रहे थे और अब उनका नरम रुख सामने आया है।
 
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत के प्रति सौहार्दपूर्ण रुख अपना रहे हैं। दरअसल इसके पीछे मालदीवपर भारत का कर्ज है। भारत का लगभग 400।9 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 35 अरब रुपये) मालदीव पर कर्ज है। मुईज अब इसको लेकर राहत मांग रहे हैं।
 
एक न्यूज पोर्टल के साथ इंटरव्यू में मुइज्जू ने कहा भारत मालदीव का निकटम सहयोगी बना रहेगा। उन्होंने भारत से कर्ज की राहत की मांग की है।
 
कर्ज में भारत से राहत की मांग
उन्होंने कहा, "हमें जो स्थितियां विरासत में मिली हैं, वे ऐसी है कि भारत से बहुत बड़ा कर्ज लिया गया है। हम इस कर्ज की वापसी में उदारता चाहते हैं। मुझे मालदीव-भारत संबंधों पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का कोई कारण नहीं दिखता।"
 
मालदीव का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के पहले से ही मुइज्जू लगातार 'भारत विरोधी' बयानबाजी कर रहे थे और पूरे चुनाव के दौरान 'इंडिया आउट' की तर्ज पर चुनावी कैंपेन भी चलाया था।
 
सत्ता में आने के बाद से उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए जो भारत-मालदीव संबंधों के लिहाज से अच्छे नहीं थे। मतलब भारत के सख्त रवैये के बाद से ही मालदीव असहज महसूस करने लगा था और अब राष्ट्रपति मुइज्जू के सुर अचानक बदल गए हैं।
 
इससे पहले मुइज्जू का रुख चीन के प्रति नरम था, वह चीन समर्थक माने जाते रहे हैं। इसके साथ ही मुइज्जू ने जैसे ही देश की सत्ता संभाली, सबसे पहले भारत को मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की मांग कर दी।
 
मुइज्जू ने यह भी कहा था कि मालदीव से 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक वापस भेज दिया जाएगा। भारतीय सैन्य कर्मियों के पहले बैच ने इसी महीने मालदीव छोड़ा था, इसके बाद मुइज्जू की तरफ से अब राहत की मांग की जा रही है।
 
भारत पिछले कुछ वर्षों से दो हेलीकॉप्टरों और एक डोर्नियर विमान का इस्तेमाल करके मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा मदद दे रहा है।
 
चीन के करीब होता मालदीव
चीन ने पर्यटन पर निर्भर मालदीव में और अधिक चीनी पर्यटकों को भेजने का वादा करने के अलावा 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान की भी घोषणा की। मुइज्जू ने पद संभालने के बाद चीन की आधिकारिक यात्रा पर गए थे।
 
उसके बाद चीन का एक जहाज मालदीव के दौरे पर भी गया। इस बीच भारत और मालदीव के संबंधों में तब तनाव और बढ़ गया जब वहां के तीन उप-मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री पर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं। भारत ने जब आपत्ति जताई तो उन मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था।
 
इंटरव्यू में मुइज्जू ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया या ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिससे भारत-मालदीव के बीच संबंधों में तनाव आए।
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