शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. India's challenge on Ukraine came to the fore
Written By DW
Last Updated : शुक्रवार, 3 मार्च 2023 (09:04 IST)

जी20: यूक्रेन पर भारत की चुनौती खुलकर आई सामने, साझा बयान नहीं हुआ जारी

जी20: यूक्रेन पर भारत की चुनौती खुलकर आई सामने, साझा बयान नहीं हुआ जारी - India's challenge on Ukraine came to the fore
-चारु कार्तिकेय
 
यूक्रेन युद्ध के रूप में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए बड़ी चुनौती अब खुलकर सामने आ रही है। वित्तमंत्रियों के बाद अब विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन पर मतभेद हावी रहे और साझा बयान जारी नहीं हो पाया। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने माना कि सदस्य देशों के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेदों की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
 
फरवरी के अंत में बेंगलुरु में हुई जी20 देशों के वित्तमंत्रियों की बैठक की तरह ही नई दिल्ली में हुई जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद भी साझा बयान जारी नहीं किया जा सका। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने माना कि सदस्य देशों के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेदों की वजह से ऐसा नहीं हो सका। जयशंकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट पर मतभेद थे जिन पर हम कई पक्षों के बीच सामंजस्य नहीं बना सके।
 
बैठक में शामिल होने वाले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अलग से एक प्रेस वार्ता में कहा कि साझा बयान पर चर्चा कई मुद्दों पर लड़खड़ाई जिनमें पिछले साल नॉर्थ स्ट्रीम को ध्वंस किए जाने की जांच की रूस की मांग शामिल है।
 
लावरोव ने कहा कि साझा बयान को ब्लॉक कर दिया गया और चर्चा का नतीजा उस सारांश में बताया जाएगा जिसके बारे में भारत बोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम शिष्टाचार की बात करते हैं। हमारे पश्चिमी समकक्षों के शिष्टाचार तो बहुत खराब हो गए हैं। वो अब कूटनीति के बारे में नहीं सोच रहे हैं, अब वे सिर्फ ब्लैकमेल कर रहे हैं और सबको धमका रहे हैं।
 
भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात को भी रेखांकित किया कि कई विषयों पर बैठक में सहमति भी व्यक्त की गई, विशेष रूप से उन विषयों पर जो सदस्य देशों को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक का आउटकम डॉक्यूमेंट जारी किया जाएगा और उसमें खाद्य पदार्थों, उर्वरकों और ऊर्जा की आपूर्ति प्रणाली की स्थिरता पर जोर दिया जाएगा।
 
जयशंकर ने कहा कि कई मुद्दे थे जिन पर सहमति थी, जैसे बहुराष्ट्रवाद को मजबूत करना, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन, जेंडर के विषय, आतंकवाद का मुकाबला। वैश्विक साउथ के लिए जरूरी ज्यादातर मुद्दों पर काफी हद तक एक जैसी सोच थी और इसे आउटकम डॉक्यूमेंट में दिखाया गया है।
 
बैठक की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के सामने खड़ी चुनौती को रेखांकित करते हुए कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत के बाद जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाई गई थी, वो अपने लक्ष्यों को हासिल करने में विफल हो गई है और इस असफलता का दमित करने वाला असर अधिकांश रूप से विकासशील देश महसूस कर रहे हैं।
 
उन्होंने बैठक के लिए आए सदस्य देशों से सहमति बनाने पर ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि आप गांधी और बुद्ध की धरती पर एक-दूसरे से मिल रहे हैं, ऐसे में मैं प्रार्थना करता हूं कि आप भारत की सभ्यता की आत्मा से प्रेरणा लेंगे और उस पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो हमें एक करता है, न कि उस पर जो हमें विभाजित करता है।
ये भी पढ़ें
उम्र के बंधनों से परे एक अनोखी लव स्टोरी: 75 के बाबूराव और 70 की अनुसुइया