बांग्लादेश: बढ़ती जा रही है शेख हसीना के इस्तीफे की मांग
-सीके/एए (एपी, डीपीए)
Demand for Sheikh Hasina's resignation: बांग्लादेश में 7 जनवरी को आम चुनाव कराने की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में विपक्षी पार्टियां मांग कर रही हैं कि परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री शेख हसीना अब इस्तीफा दें और चुनाव एक कार्यवाहक सरकार की निगरानी में कराए जाएं।
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बुधवार को टेलीविजन पर चुनाव की तारीख की घोषणा की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मतदान शांतिपूर्ण होगा। उन्होंने सभी पार्टियों से अपील की कि वो लोकतंत्र की आत्मा को मजबूत करने के लिए चुनाव में हिस्सा लें।
लेकिन मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनावों को ठुकरा दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा देश में एक और हास्यासपद चुनाव करने की योजना है।
आक्रामक विपक्ष
बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने कहा कि हम यह कभी होने नहीं देंगे। चुनाव की तारीखों का एकतरफा एलान मौजूदा राजनीतिक गतिरोध और तनावों को और बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हसीना इस्तीफा नहीं देती हैं और चुनावों की देखरेख के लिए एक निष्पक्ष कार्यवाहक प्रशासन को सत्ता नहीं सौंपती हैं तो उसके बाद हर परिणाम की जिम्मेदार चुनाव आयोग और सरकार होंगी।
सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों ने कई शहरों और कस्बों में चुनाव की तारीख के स्वागत में मार्च किया। पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने ढाका में पत्रकारों को बताया कि लोकतांत्रिक गवर्नेंस, राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए हमारे संविधान के मुताबिक चुनावों को समय पर कराने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी ने पिछले दो हफ्तों से पूरे देश में चक्का जाम लागू किया हुआ है। उसकी मांग है कि हसीना इस्तीफा दें और एक निष्पक्ष प्रशासन की देखरेख में विश्वसनीय चुनाव हों। हसीना विपक्ष की मांगों को पहले ही ठुकरा चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान के मुताबिक चुनाव मौजूदा प्रशासन की देखरेख में ही होंगे। पिछली बार चुनाव 2018 में हुए थे जिनमें अवामी लीग को भारी बहुमत हासिल हुआ था।
विवादित चुनावी इतिहास
बीएनपी और उसके सहायक दलों ने आरोप लगाया था कि चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी। 2014 में तो इन पार्टियों ने चुनाव का बहिष्कार ही कर दिया था। अब अगले चुनावों के पहले सरकार ने विपक्ष के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस चुनाव में हसीना लगातार चौथी बार सत्ता में लौटने की कोशिश करेंगी।
28 अक्टूबर को बीएनपी ने ढाका में एक विशाल रैली निकाली थी लेकिन विपक्ष के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव की वजह से रैली हिंसक हो गई थी और एक पुलिस अफसर की जान चली गई थी।
उसके बाद के दिनों में बीएनपी ने हड़तालों का आयोजन किया और ट्रैफिक जाम किया जिसके बाद फिर पुलिस के साथ टकराव हुआ और कई लोगों की जान चली गई। विपक्ष के कई बड़े नेताओं को इन हिंसक वारदातों से संबंधित होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सभी पक्षों को हिंसा से दूर रहने के लिए कहा है और एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करवाने के लिए एक-दूसरे के साथ काम करने को कहा है। अमेरिकी राजदूत पीटर हास बुधवार को बीएनपी के ओबैदुल कादर से मिले और उन्हें एक चिट्ठी सौंपी जिसमें चुनाव को लेकर चल रहे राजनीतिक संकट को बातचीत के जरिए सुलझाने की अपील की गई है।