मुंबई: विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को श्रीलंका के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम से बाहर करना अब एक विवाद की शक्ल अख्तियार करता जा रहा है।
साहा ने शनिवार को श्रीलंका के खिलाफ आगामी दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद एक पत्रकार द्वारा प्राप्त अनुचित संदेशों का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए लिखा था, “ भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदानों के बाद एक तथाकथित सम्मानीय पत्रकार से मुझे इसका सामना करना पड़ा। इससे पता चलता है कि पत्रकारिता कहां चली गई है। ”
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को कथित तौर पर एक पत्रकार से मिली धमकी के मामले की जांच करेगा।
खबरों के मुताबिक बीसीसीआई इस मामले में कोई कार्रवाई करने से पहले साहा से उस पत्रकार की पहचान बताने के लिए कहेगा, जिसने उन्हें व्हाट्सएप पर परेशान करने वाले संदेश भेजे थे। वहीं अगर साहा को परेशान करने वाला पत्रकार निकला तो बीसीसीआई उस व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाएगा।
लेकिन साहा ने पहले ही यह तय कर लिया है कि वह उस पत्रकार की पहचान को उजागर नहीं करेंगे। एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए बयान में साहा ने कहा है कि ऐसा करने से उस पत्रकार का करियर खराब हो सकता है वह नहीं चाहते कि किसी का भी भविष्य उनके कारण खतरे में पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड ने इस मामले में अभी तक उनसे औपचारिक संपर्क नहीं हुआ है।
लेकिन साहा ने मंगलवार शाम को कहा,'मुझे दुःख पहुंचा। मैंने सोचा कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और मैं नहीं चाहता कि कोई अन्य इस तरह के वाक्ये से गुजरे। इसलिए मैंने फैसला किया कि इस बातचीत को सार्वजानिक किया जाए लेकिन मैं उस पत्रकार का नाम नहीं बताऊंगा। '
साहा ने कहा,'मेरा स्वभाव ऐसा है कि मैं किसी का करियर समाप्त करने जैसे नुकसान के बारे में नहीं सोच सकता। उसके परिवार को देखते हुए मानवता आधार पर मैं फिलहाल उसका नाम नहीं बताऊंगा लेकिन यदि ऐसी घटना दुबारा होती है तो मैं चुप नहीं रहूंगा। 'उन्होंने उन सभी को साथ ही धन्यवाद दिया जो इस मौके पर उनके समर्थन में उठ खड़े हुए।यह जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक कू अकाउंट से दी।
साहा के समर्थन में आए थे यह पूर्व भारतीय क्रिकेटर्सपूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के बाद अब पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री, पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह और पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह साहा के समर्थन में उतरे हैं। रवि और हरभजन ने साहा को व्हट्सअप पर एक पत्रकार से मिले अनुचित संदेशों की कड़ी निंदा की है।
शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली से इस मामले से निपटने का आग्रह किया है। उन्होंने रविवार को लिखा, “ एक खिलाड़ी को एक पत्रकार द्वारा धमकी दी जा रही है, यह चौंकाने वाला है और अपने पद का दुरुपयोग है। यह कुछ ऐसा है जो भारतीय टीम के साथ लगातार हो रहा है। बीसीसीआई अध्यक्ष के मामले में हस्तक्षेप करने का समय है। वह पता करें कि यह शख्स कौन है। ”
उधर
हरभजन ने ऋद्धिमान साहा से उस पत्रकार के नाम का खुलासा करने का आग्रह किया है, जिसने उन्हें परेशान करने वाले संदेश भेजे थे। हरभजन ने लिखा, “ रिधि आप सिर्फ उस व्यक्ति का नाम लें, ताकि क्रिकेट समुदाय को पता चले कि कौन इस तरह से काम करता है। नहीं तो अच्छे लोग भी शक के दायरे में आ जाएंगे, यह कैसी पत्रकारिता है? खिलाड़ियों की सुरक्षा की जानी चाहिए। ”
आरपी सिंह ने साहा के समर्थन में में लिखा, “ जब बात बीसीसीआई या क्रिकेटरों की होती है तो हम सभी पत्रकारों से काफी सूत्रों की बातें सुनते हैं। क्या कोई एक सूत्र बता सकता है कि साहा को धमकी देने वाला यह तथाकथित पत्रकार कौन है? ”
इससे पहले रविवार की सुबह
सहवाग ने लिखा था, “ बेहद दुखद। ऐसी हक की भावना न तो उनका सम्मान है और न ही पत्रकारिता, सिर्फ चमचागिरी है। आपके साथ हूं रिधि। ”
साहा काे टीम में शामिल न किए जाने पर मुख्य कोच राहुल द्रविड़ पर उठ रहे सवालों के बाद पूर्व भारतीय ऑलराउंडर
इरफान पठान ने उनका समर्थन किया है। इरफान ने इस संबंध में लिखा, “ राहुल एक ईमानदार कोच हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो यह जानकर कि कोई खिलाड़ी टीम की योजना में फिट नहीं बैठता है, उसे उम्मीद देते हैं। मेरे लिए वह हमेशा एक ईमानदार कोच हैं। ”
इस बीच द्रविड़ ने भी रविवार को कोलकाता में वेस्ट इंडीज के खिलाफ तीसरे और आखिरी टी-20 मैच के बाद कहा, “ मैं साहा, उनकी उपलब्धियों और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान का बहुत सम्मान करता हूं। मैं बिल्कुल भी आहत नहीं हूं, क्योंकि मैं जानता हूं कि खिलाड़ी हमेशा इन संदेशों को पसंद नहीं करेंगे और ना ही इससे सहमत होंगे। कभी-कभी आपको अन्य लोगों की तरह खिलाड़ियों के साथ भी कठिन विषयों पर चर्चा करनी पड़ती है। आप हमेशा यह उम्मीद नहीं करते हैं कि वे आपसे सहमत होंगे या आपकी बात को पसंद करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे हल्के में ले लें और बातचीत ही ना करें। ”