रणजी ट्रॉफी में लाल गेंद से खेलने से ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर उभरकर आए
हरफनमौला वॉशिंगटन सुंदर ने बृहस्पतिवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने शानदार प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए कहा कि रणजी ट्रॉफी में तमिलनाडु के लिए खेलने से उन्हें काफी मदद मिली।
इस महीने की शुरुआत में उन्होंने अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 152 रन की पारी खेली और छह विकेट झटके। इस प्रदर्शन को देखकर मुख्य कोच गौतम गंभीर ने दूसरे टेस्ट के लिए भारत की अंतिम एकादश में इस ऑलराउंडर को शामिल किया।
वॉशिंगटन ने बृहस्पतिवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ 59 रन देकर सात विकेट चटकाकर इस फैसले को सही साबित किया जबकि यह मार्च 2021 के बाद उनका पहला टेस्ट है।
तमिलनाडु के इस खिलाड़ी ने घरेलू स्तर पर लाल गेंद से मैच खेलने के महत्व के बारे में बात करते हुए दिन के खेल के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया से कहा, मेरे लिए तमिलनाडु-दिल्ली मैच खेलना एक शानदार मौका था क्योंकि हर बार लाल गेंद से खेलना और लाल गेंद के क्रिकेट में बल्ले और गेंद दोनों से लय बनाए रखना अच्छा होता है। साथ ही निरंतरता बनाए रखना भी अहम होता है।
इस 25 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि रणजी मैच में बहुत सारे ओवर गेंदबाजी करना उनके लिए कितना मददगार रहा।उन्होंने कहा, इस चीज से भी मदद मिली कि मुझे उस मैच में बहुत सारे ओवर गेंदबाजी करने का मौका मिला। मैं उसके लिए आभारी हूं। मुझे नहीं लगता कि मैं इस दिन को कभी भूल पाऊंगा, यह बहुत खास था।
वाशिंगटन ने कहा कि उनका इरादा ऑलराउंडर की किसी खास शैली के रूप में ढले बिना अपने कौशल में सुधार करना है।उन्होंने कहा, किसी धारणा के बारे में बहुत अधिक नहीं सोचना चाहिए, मुझे बस इस बात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि मैं एक खिलाड़ी के रूप में क्या कर सकता हूं। एक क्रिकेटर के रूप में बेहतर होता रहूं।
वॉशिंगटन ने अपने पदार्पण के बाद से आठ वर्षों में 31 प्रथम श्रेणी मैचों में 65 विकेट लिये हैं।
(भाषा)