गेंदबाजों का वापसी दिलाना बेजोड़ : विराट कोहली
ब्रिस्टल। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में जीत का श्रेय गेंदबाजों को देते हुए कहा कि उन्होंने बेहतरीन वापसी करके दबाव बनाया जिसका टीम ने आखिर में पूरा फायदा उठाया। इंग्लैंड ने तूफानी शुरुआत करके दस ओवर में दो विकेट 112 रन बनाए थे, लेकिन आखिर में उसकी टीम 9 विकेट पर 198 रन ही बना पाई। हार्दिक पंड्या ने 38 रन देकर चार विकेट लिए। रोहित शर्मा के नाबाद 100 रन से भारत ने आठ गेंद शेष रहते ही जीत हासिल की।
कोहली ने मैच के बाद कहा कि मेरा मानना है कि गेंदबाजों ने जिस तरह से वापसी की वह बेजोड़ थी। हमें लग रहा था कि वे 225 से 230 रन बनाएंगे। गेंदबाजों ने जो जज्बा दिखाया उस पर वास्तव में हमें गर्व है। एक कप्तान के रूप में इसे देखकर बहुत खुशी होती है। हमारे पास विकेट लेने वाली गेंदें करने की क्षमता है। इस प्रारूप में 25 से 30 रन बहुत अंतर पैदा कर सकते हैं। हमने दबाव बनाया और मैच में वापसी की। भारतीय कप्तान ने पंड्या की भी तारीफ की जिन्होंने बाद में नाबाद 33 रन की पारी भी खेली।
कोहली ने कहा कि पंड्या ने वास्तव में अच्छा ऑलराउंड क्रिकेटर हैं। वे आत्मविश्वास से भरें हैं और जिस तरह से उसने विकेट लिए आप युवा खिलाड़ी से ऐसा ही प्रदर्शन चाहते हो। इसके बाद उसने बल्ले से भी कमाल दिखाया। रोहित की पारी नि:संदेह विशेष थी लेकिन हार्दिक का प्रदर्शन लाजवाब था।
उन्होंने कहा कि पिच वास्तव में सपाट थी और बल्लेबाज के रूप में हमने इसका लुत्फ उठाया। हम बल्लेबाजी क्रम और गेंदबाजों में अलग अलग चीजें आजमाते रहेंगे। श्रृंखला में जीत से दौरे की शुरुआत करना अच्छा है। इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने निराशा जताई कि उनकी टीम अच्छी शुरुआत का फायदा उठाने में नाकाम रही और वह 20 या 30 रन अधिक बना सकती थी।
मोर्गन ने कहा कि राय और बटलर ने हमें बेहतरीन शुरुआत दिलाई, लेकिन उन्होंने जो मंच तैयार किया था हम उसके साथ न्याय नहीं कर पाए। हमने 20 से 30 रन कम बनाए। हम बाद में अच्छी तरह से शॉट नहीं लगा पाए। हम छोटे मैदान पर इससे अधिक स्कोर की उम्मीद कर रहे थे। उम्मीद है इससे हम सबक लेंगे और सुधार करेंगे। रोहित को मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां का अनुमान लगाना महत्वपूर्ण था।
भारतीय उप कप्तान ने कहा कि यह खेल की मेरी शैली है। पारी के शुरू में परिस्थितियों का आकलन करना महत्वपूर्ण था। हमें पता था कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा है और बाउंड्री छोटी है। मैं शांतचित होकर खेलना चाहता था। मैं जानता था कि क्रीज पर टिके रहने से आप बाद में रन बना सकते हो।
उन्होंने कहा कि चार क्षेत्ररक्षकों के तीस गज की रेखा के अंदर होने के कारण आपके पास मौका होता है और पंड्या ने पिछले कुछ वर्षों से इसका ऐसा करता रहा है। उसने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा था। टीम उससे यही चाहती थी। (भाषा)